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आपकी बात : सरकार के खिलाफ बढ़ते अवमानना के मामलों को आप किस नजरिए से देखते हैं?

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जयपुरMay 20, 2025 / 05:05 pm

Neeru Yadav

प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता
सरकार के खिलाफ बढ़ते अवमानना के मामले चिंताजनक हैं। यह दर्शाता है कि सरकारी तंत्र और न्यायपालिका के बीच समन्वय की कमी है या सरकारी अधिकारियों द्वारा अदालती आदेशों की गंभीरता को कम आंका जा रहा है। इससे न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं और आम नागरिकों में निराशा का भाव पैदा हो सकता है। त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है। – डॉ. अभिनव शर्मा, झालावाड़ (राज.)
संवाद व सहयोग से समाधान
सरकार के खिलाफ बढ़ते अवमानना के मामलों को मैं एक जटिल मुद्दे के रूप में देखता हूं, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और न्यायिक पहलू शामिल हैं। यह मुद्दा सरकार की नीतियों और कार्यों से असंतोष, जवाबदेही की कमी और नागरिकों के अधिकारों की मांग से जुड़ा हो सकता है। संवाद और सहयोग के माध्यम से इन मुद्दों का समाधान निकालना महत्त्वपूर्ण है। – नरपत सिंह चौहान, जैतारण
सरकार का ढुलमुल रवैया जिम्मेदार
मेरी नजर में बढ़ते अवमानना के मामलों के लिए सरकार का ढुलमुल रवैया जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार न्यायालयीन आदेशों को तवज्जो देकर वांछित कार्रवाई करने के बजाय उनकी अनदेखी करती है। गंभीरतापूर्वक कार्रवाई कर अवमानना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाया जा सकता है। – वसंत बापट, भोपाल
नियंत्रित किया जाना जरूरी
सरकार के प्रति असहमति से उपजे सवालों और सरकार के प्रति अवमानना के बीच स्‍पष्‍ट अन्‍तर-रेखा परिभाषित न होने के कारण आज हमारी अभिव्‍यक्ति की आजादी और लोकतंत्र दोनों के लिए ऐसे बढ़ते मामले चिंताजनक हैं, जिन्‍हें आदर्श लोकतंत्र के निर्माण के लिए नियंत्रित व अनुशासित किया जाना बहुत ही जरूरी हैं। – श्रीनिवास कृष्‍णन, अहमदाबाद
विभाग करें ऑनलाइन मॉनिटरिंग
लोकतांत्रिक व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए शासन के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका में समन्वय एवं शक्ति संतुलन बेहद आवश्यक है। सरकार के खिलाफ बढ़ते अवमानना के मामलों के लिए सीधे तौर पर संबंधित विभाग एवं प्रभारी अधिकारी उत्तरदायी हैं। सरकार को अवमानना के मामलों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अधिकारी वर्ग के समुचित विधिक प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही प्रत्येक विभाग अपने से संबंधित अदालतों आदेशों की समयबद्ध अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करें ताकि अवमानना के मामलों में कमी लाई जा सके। – सर्वजीत अरोड़ा, जयपुर

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