तय करना होगा…अकेले चलेंगे या गठबंधन की राजनीति करेंगे
तारिक अनवर ने लिखा, ‘ कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे। पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।’ वहीं लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस बिहार में इस बार अधिक सीट चाहती है।बयानों में छिपे हैं संदेश: चुनाव..संगठन और गठबंधन के लिए
1. बिहार चुनाव: इस साल के अंत में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। तारिक अनवर बिहार के वरिष्ठ नेता है। जहां कांग्रेस का राजद से पुराना गठबंधन है, लेकिन सीट बंटवारे में राजद किसी भी तरह का समझौता नहीं करता है। इसके चलते पिछले चुनाव में कांग्रेस को ऐसी सीटें दी गई थी, जिनमें से अधिकांश पर गठबंधन की हार तय थी। दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद अब कांग्रेस भी राजद पर दबाव बढ़ाने के मूड में है। इसकी शुरुआत तारिक अनवर ने कर दी है। अधिकांश नेता गठबंधन पर जल्द फैसला चाहते हैं।2. संगठन में बदलाव: राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में असंतुलन बना हुआ है। पार्टी दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की बात तो करती है, लेकिन संगठन में इनका प्रतिनिधित्व दावों के हिसाब से नहीं दिखता है। इसके अलावा पार्टी की हिंदी पट्टी में लगातार हार हो रही है। इसके बावजूद तीन प्रमुख पदों पर दक्षिण भारत के नेता काबिज है। खासतौर पर संगठन महासचिव के पद को लेकर पार्टी में खासा घमासान है।