हाल के दिनों में पाकिस्तान द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से हमले की कोशिशों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। यद्यपि इन प्रयासों को अभी तक नाकाम कर दिया गया है, लेकिन किसी भी संभावित खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में, प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर भी हर प्रकार की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए यह प्रतिबंध लगाया है।
इस आदेश के तहत अब शादी-विवाह, धार्मिक आयोजन या सोशल मीडिया कंटेंट निर्माण जैसे निजी आयोजनों में भी ड्रोन कैमरे से शूटिंग नहीं की जा सकेगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई इस निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उसका ड्रोन जब्त कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंध के पीछे की वजहें:
1.
सैन्य गोपनीयता की रक्षा: ड्रोन कैमरे सैनिकों की तैनाती, युद्धक रणनीतियों और हथियारों की स्थिति जैसे संवेदनशील विवरण उजागर कर सकते हैं। यदि यह जानकारी गलत हाथों में पहुंच जाए, तो इससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
2. जासूसी की आशंका: अनधिकृत ड्रोन की मौजूदगी से यह संदेह उत्पन्न होता है कि वह शत्रु द्वारा जासूसी के उद्देश्य से भेजा गया हो सकता है। 3. संचार में बाधा: ड्रोन के सिग्नल सैन्य संचार प्रणालियों में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे रणनीतिक संदेशों के आदान-प्रदान में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
4. गलत पहचान की आशंका: युद्ध जैसी परिस्थितियों में सैन्य बल यदि किसी ड्रोन को दुश्मन का मानकर कार्रवाई कर बैठें, तो इससे अपने ही पक्ष के नुकसान की संभावना बढ़ सकती है। प्रशासन का यह कदम फिलहाल अस्थायी है, लेकिन स्थिति सामान्य होने तक इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया यह कदम आम जनता की सहभागिता और समझदारी से ही प्रभावी सिद्ध हो सकता है।