प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत, महापौर ने जताया दुख
घटना का पूरा विवरण
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान मेला क्षेत्र में भीड़ इतनी अधिक हो गई कि ऑक्सीजन की कमी से कुछ बुजुर्ग और महिलाएं बेहोश हो गए। उनके अचानक गिरने से मौके पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, लेकिन प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति को तुरंत नियंत्रित कर लिया।- प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
- घायलों के इलाज के लिए महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
- डॉक्टरों की पूरी टीम घायलों का इलाज कर रही है और सभी की स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
- एयर एंबुलेंस के जरिए भी घायलों को बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी की गई।
- क्राउड मैनेजमेंट के लिए 10 से ज्यादा जिलाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई।
- प्रयागराज के बॉर्डर इलाकों में अधिकारियों को सक्रिय कर दिया गया ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
महाकुंभ (Mahakumbh 2025 Stampede) स्नान सुचारू रूप से जारी
हालांकि इस घटना के बाद भी महाकुंभ में स्नान का कार्यक्रम तय समय पर शुरू हुआ। अखाड़ों के संत और श्रद्धालु संगम नोज़ पर स्नान करने के लिए पहुंचने लगे। प्रशासन की मुस्तैदी के कारण स्नान शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहा और किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी।डीजीपी प्रशांत कुमार का बयान
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने साफ तौर पर कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका नहीं है। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्थाओं की समीक्षा
प्रयागराज के बॉर्डर इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।प्रशासन और पुलिस की टीमें लगातार भीड़ प्रबंधन पर नजर बनाए हुए हैं।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई।
घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
महाकुंभ में अत्यधिक भीड़ के चलते दम घुटने और भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन कई कदम उठा रहा है:- संगम क्षेत्र में ऑक्सीजन सिलेंडर वाली गाड़ियां तैनात की गईं।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और अलग-अलग रूट तय किए गए।
- संवेदनशील इलाकों में पुलिस की अतिरिक्त टीमें तैनात की गईं।
- ड्रोन कैमरों से भीड़ की निगरानी की जा रही है।
- घायलों को फौरन अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस स्टैंडबाय रखी गई।