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Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में बने दो और रिकॉर्ड, लगातार 33 दिन तक रूद्री पाठ संहिता का हुआ 11,151 बार पाठन

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रकल्प दिव्य ज्योति वेद मंदिर का एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। आइए आपको बताते हैं कैसे बना ये विश्व रिकॉर्ड।

प्रयागराजFeb 17, 2025 / 09:39 am

Prateek Pandey

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में बना यह रिकॉर्ड है- ब्रह्मज्ञान में दीक्षित वेदपाठियों की ओर से नॉन-स्टॉप 33 दिवस-रात्री तक रुद्री संहिता का पाठन किया जाना।

कैसे बने ये दो रिकॉर्ड?

14 जनवरी, 2025 को प्रातः 3:00 बजे से प्रारंभ हुए इस रुद्रिपाठ का 16 फरवरी 2025 प्रात: 4:00 बजे समापन हुआ। इस रिकॉर्ड में कुल 566 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा शुक्ल यजुर्वेद से रुद्राष्टाध्यायी संहिता (रुद्री पाठ) का 11,151 बार पाठन किया गया जिसमें कुल 26,42,409 मंत्रों का जाप 794 घण्टों तक हुआ। रिकॉर्ड में सम्मिलित सभी वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के शिष्य-शिष्याएं हैं जो देश-विदेश से संस्थान के महाकुंभ के सेक्टर 9 के शिविर में पधारें थे।

स्वामी नरेंद्रानंद जी को मिला सर्टिफिकेट

एशिआ और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के आधिकारिक निर्णायक, प्रमिल द्विवेदी ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के अध्यक्ष, स्वामी आदित्यानंद और सचिव, स्वामी नरेंद्रानंद जी को रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया। साथ ही अपने विचार सांझा करते हुए द्विवेदी ने कहा, ‘संस्थान द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार की यह पहल सराहनीय है। आज दिव्य ज्योति वेद मंदिर को दो रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। जिस शुद्ध उच्चारण एवं नि:स्वार्थ भावना से इन वेदपाठियों ने यह असाधारण एवं ऐतिहासिक रिकॉर्ड को स्थापित किया हैं। मुझे विश्वास हैं कि यह भारतीय वैदिक संस्कृति को पोषित एवं पल्लवित करने में अपनी अग्रणीय भूमिका निभाएगा।’।

क्या है इस रिकॉर्ड का लक्ष्य

दिव्य ज्योति वेद मंदिर की इंचार्ज, साध्वी दीपा भारती जी ने कहा, ‘संस्थान को इस बात पर गर्व है कि वह ऐसी असाधारण पहल करने वाला पहला आध्यात्मिक संगठन है। लेकिन यह उपलब्धि सिर्फ रिकॉर्ड बनाने के बारे में नहीं है; वैदिक मंत्रोच्चार के माध्यम से प्रत्येक हृदय में शांति और एकता की भावना को जगाना ही हमारा परम लक्ष्य हैं।’

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