scriptवसंत पंचमी के अमृत स्नान में शामिल नहीं होंगी ममता कुलकर्णी, संतों ने कराया भस्म स्नान | Mamta Kulkarni will not participate in Amrit Snan of Vasant Panchami took ash bath | Patrika News
प्रयागराज

वसंत पंचमी के अमृत स्नान में शामिल नहीं होंगी ममता कुलकर्णी, संतों ने कराया भस्म स्नान

Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी को तीसरे अमृत स्नान यानी वसंत पंचमी से पहले भस्म स्नान कराया गया। इस दौरान किन्नर अखाड़े के कई महामंडलेश्वर मौजूद रहे।

प्रयागराजFeb 03, 2025 / 08:04 am

Sanjana Singh

Mamta Kulkarni

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Mamta Kulkarni: किन्नर अखाड़े के संतों ने वसंत पंचमी से पहले महामंडलेश्वर बनीं अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (श्रीयामाई ममता नंद गिरि) को भस्म लगाई। इस दौरान किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर स्वामी वामदेव,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणीनंद नंद गिरि उपस्थित रहे। किन्नर अखाड़ा के संतों ने बताया कि नवनियुक्त महामंडलेश्वर का भस्म स्नान कराया गया, जो एक पवित्र और आध्यात्मिक प्रक्रिया है।

किन्नर अखाड़े ने लगाई डुबकी

वसंत पंचमी के अवसर पर किन्नर अखाड़ा संगम स्नान के लिए पहुंचा और स्नान करके वापस लौट गया, लेकिन ममता कुलकर्णी (महामंडलेश्वर श्रीयामाई ममता नंद गिरि) इसमें शामिल नहीं हुईं। फिलहाल, उनके स्नान करने पर संदेह बना हुआ है। पत्रिका के रिपोर्टर प्रतीक पांडेय ने जब किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर से इस मामले पर बातचीत की तो उन्होंने कहा, “जब किसी इंसान को लेकर इतने विवाद प्रकट किए जाएंगे तो आप खुद समझ सकते हैं कि उन्हें समय चाहिए।” वहीं, HT की रिपोर्ट के मुताबिक, संतों ने बताया कि ममता कुलकर्णी वसंत पंचमी के स्नान में शामिल नहीं होंगी।

महामंडलेश्वर विवाद पर क्या बोलीं ममता कुलकर्णी?

ममता कुलकर्णी ने कहा, “मैं प्रचंड चंडी का आद्य स्वरूप हूं। दो दिन से लोग हास्य-विनोद कर रहे थे। उधर के जो जगतगुरु हैं, उनका नाम नहीं लूंगी, लेकिन वे भी मजाक उड़ा रहे थे। मौनी अमावस्या के स्नान के लिए सब तैयारियों में लगे थे, और मैं भी उसी उद्देश्य से वहां आई थी। जब मैं महामंडलेश्वर बनी, तो मेरे लिए रथ, छत्री और दंड की व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाकी सभी महामंडलेश्वर और हजारों रथ 12 बजे से ही स्नान के लिए निकल गए, लेकिन मुझे पीछे छोड़ दिया गया। 

‘मैंने 23 साल की तपस्या की’

उन्होंने कहा, “मैंने 23 साल की कठोर तपस्या की है, और मुझे इस तरह अनदेखा कर दिया गया। मैंने सोचा कि कोई बात नहीं, लेकिन मेरे भीतर जो प्रचंड चंडिका है, वह इसे सहन नहीं कर पाई। मैंने 23 वर्षों से योगियों को अपने भीतर जागृत कर रखा है, और यह स्वीकार्य नहीं था कि मैं पीछे रह जाऊं। मैं बहुत रो रही थी। फिर दोपहर 3 बजे मुझे फोन आया—’आप महागौरी हैं, महाकाली हैं।’ तभी पूरा स्नान स्थगित हो गया, और सभी रथ वहीं ठहर गए। मैंने पूछा, ‘क्या हुआ?’ तो उन्होंने बताया कि सभी 10 किलोमीटर पीछे लौटकर आ रहे हैं।”
ममता कुलकर्णी ने कहा, “मैंने कहा, ‘मैं महाकाली हूं। जिस स्नान में आप डुबकी लगा रहे हो, वह मैं ही हूं। आपने मुझे पीछे कैसे छोड़ दिया?’ मैं सुबह 4 बजे स्नान के लिए उठी थी, लेकिन मेरा स्नान नहीं हुआ। मैंने सोचा, कम से कम चाय ही मांग लूं। लेकिन जवाब मिला कि चाय वाला भी स्नान के लिए गया है। इस पर प्रचंड चंडिका भड़क गई। समझना कि लाशें गिर पड़ी थीं वहां पर, लेकिन ये मैं नहीं चाहती थी। लेकिन वो प्रचंड चंडिका बर्दाश्त नहीं कर पाई।”

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