जब किसी सेलिब्रिटी को 30 या 40 की उम्र में अचानक दिल का दौरा पड़ता है, तो मीडिया में सनसनी मच जाती है। तनाव, कोविड-19, या अन्य कारणों को दोष दिया जाता है। लेकिन कोई यह नहीं कहता कि अगर उस व्यक्ति ने 10 साल पहले स्वास्थ्य जांच करवाई होती, तो इस स्थिति को रोका जा सकता था। मैंने अपने पूरे पेशेवर जीवन में कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देखा, जिसने सामान्य दिल के साथ कार्डियक अरेस्ट का सामना किया हो। यह जरूरी है कि चिकित्सा समुदाय वार्षिक स्वास्थ्य जांच को बढ़ावा दे, ताकि बीमारियों का प्रारंभिक चरण में पता लग सके।
मैं कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया को बधाई देना चाहता हूं, जिसने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये 18 वर्ष की आयु में भारतीयों को पहली बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने और परिणामों के आधार पर जीवनशैली में बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हमारा सीधा संदेश है कि हर वयस्क भारतीय को अपने स्वास्थ्य से जुड़े नंबरों को जानना चाहिए, जैसे कि ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, लिवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, थायरॉयड फंक्शन, ईसीजी और महत्वपूर्ण अंगों के अल्ट्रासाउंड परिणाम। 40 वर्ष से ऊपर के भारतीय, जिनके परिवार में दिल की बीमारी या कैंसर का इतिहास है, उन्हें डॉक्टर से परामर्श कर अन्य आवश्यक जांचों पर विचार करना चाहिए।
तकनीक ने स्वास्थ्य को मापने योग्य संख्याओं में बदल दिया है। जब ये संख्याएं असामान्य हो जाती हैं, तो उन्हें अक्सर जीवनशैली में बदलाव से सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ किलो वजन कम करके एक डायबिटिक व्यक्ति गैर-डायबिटिक बन सकता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति का रक्तचाप सामान्य हो सकता है और फैटी लिवर ठीक हो सकता है। हां, वजन कम करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हजारों लाखों हैं जिन्होंने अपना वजन बहुत कम किया है.
हेल्थ केयर की लागत कम करने का सबसे अच्छा तरीका है गंभीर बीमारियों का प्रारंभिक चरण में पता लगाना और उनका उपचार करना। उदाहरण के लिए प्रारंभिक अवस्था में पहचाना गया ब्रेस्ट कैंसर मामूली सर्जरी से लगभग पूरी तरह ठीक हो सकता है। इसके विपरीत, अंतिम चरण में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज जटिल और महंगा हो जाता है और परिणाम भी अच्छे नहीं होते। इसलिए, हमारी प्राथमिकता वार्षिक और रूटीन स्वास्थ्य जांच के माध्यम से शुरुआती पहचान पर होनी चाहिए। यह 30 साल पहले असंभव लगता था, जब डायग्नोस्टिक उपकरण खराब गुणवत्ता वाले थे। लेकिन आज तकनीक ने सब बदल दिया है।
तो, मेरा संदेश है कि 2025 में यह संकल्प लें कि आप अपनी वार्षिक और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएंगे। अपनी सभी रिपोर्ट अपने मोबाइल फोन पर सुरक्षित रखें। इससे आपके स्वास्थ्य रिकॉर्ड दुनिया में कहीं भी डॉक्टर के लिए उपलब्ध होंगे। आप अपनी पसंद के किसी भी डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श ले सकेंगे और बीमारियों को गंभीर होने से पहले रोक सकेंगे। हेल्थ केयर का अनुभव तब और बेहतर हो जाता है, जब आप डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनते हैं। यह अनुभव सहज और जादुई बन सकता है।