पिछले दिनाें घरघोड़ा नगर पंचायत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था। पहले नगर पंचायत अध्यक्ष ने निर्दलीय प्रत्याशी सिल्लु चौधरी भाजपा और कांग्रेस दोनों को हराते हुए अध्यक्ष पद पर काबिज हुए। इस तरह भाजपा की इस नगर पंचायत से अध्यक्ष चुनाव में हार हुई, लेकिन भाजपा के 9 पार्षद नगर पंचायत क्षेत्र में जीत दर्ज किए थे। ऐसे में उपाध्यक्ष पद पर भाजपा का काबिज होना तय माना जा रहा था। भाजपा इसी मंशा से पार्टी की ओर से यश सिन्हा को उपाध्यक्ष के लिए चुनावी मैदान में उतारा।
वहीं कांग्रेस की ओर से अमित त्रिपाठी उपाध्यक्ष पद के किए नामांकित हुए था। चुनाव नतीजे में कांग्रेस के प्रत्याशी को 9 मत मिले। भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद पार्टी ने मंथन शुरू की और भाजपा से गद्दारी कर उपाध्यक्ष पद वोटिंग करने वाले की तलाश शुरू की। मंथन के बाद भाजपा ने दो पार्षदों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया है। इसमें घरघोड़ा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद श्याम भोजवानी व वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद अनिल लकड़ा शामिल हैं। दोनों पार्षदों पर पार्टी की ओर से यह आरोप है कि उन्होंने उपाध्यक्ष पद पर पार्टी अधिकृत प्रत्याशी के विपरीत मतदान किया।
CG BJP Party: निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पांच भी निष्कासित
नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले 5 अन्य लोगों को भी भाजपा से निष्कासित किया गया है। इसमें रायगढ़ नगर निगम के वार्ड क्रमांक 27 से पिंकी पंडा व वार्ड क्रमांक 40 से श्याम लाल साहू शामिल हैं। वहीं नगर पंचायत धरमजयगढ़ के वार्ड क्रमांक 6 से जय हरि सारथी, नगर पंचायत पुसौर के वार्ड क्रमांक 5 से भूपेश पंडाव नगर पंचायत लैलूंगा के वार्ड क्रमांक 1 किशन कुमार सारथी को पार्टी से निष्कासित किया गया है।
कांग्रेस खोज रही गद्दार
नगर निगम में सभापति पद पर कांग्रेस को भी हार मिली है। हालांकि नगर निगम में कांग्रेस के 12 पार्षद थे और भाजपा पार्षदों की संख्या 33 पार्षद थे। ऐसे में कांग्रेस की हार भी तय थी, लेकिन सभापति चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मी नारायण साहू को 12 की जगह 10 मत ही मिले थे। इस तरह कांग्रेस के दो पार्षदों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं किया। ऐसे में कांग्रेस भी पार्टी से गद्दारी करने वाले पार्षदों की पतासाजी कर रही है।