बताया जाता है कि पिछले काफी समय से कारोबारी ग्रुप द्वारा मध्यप्रदेश के सतना स्थित फैक्ट्री में टैक्स चोरी करने के इनपुट मिले थे। इसकी जांच करने के बाद जबलपुर आईटी की टीम को इसके कनेक्शन रायपुर और रायगढ़ में स्टील ग्रुप से मिले थे। वहीं जगदलपुर के बिल्डर्स और वनोपज कारोबारी के फर्म में निवेश करने की जानकारी मिली थी। इसके जरिए ब्लैकमनी को सफेद किया जा रहा था। इसके आधार पर सभी ठिकानों में कवर किया गया है।
बताया जाता है कि तलाशी के दौरान कारोबारी के ठिकानों से बड़ी संख्या में बोगस बिलिंग, कच्चे में लेनदेन करने के साथ ही निर्धारित स्टाक से ज्यादा कच्चा और निर्मित सामान मिला है। इसका मूल्यांकन किया जा रहा है। बता दें कि आईटी की यह छापेमारी छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की 100 सदस्यीय टीम द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। वहीं सुरक्षा के लिए 75 सदस्यीय टीम को तैनात किया गया है।
कारोबारियों ने किया 55.10 करोड़ सरेंडर
आयकर विभाग को बिलासपुर के महावीर कोल वाशरी संचालक ने 30 करोड़ और रेलवे ठेकेदार मधुसूदन अग्रवाल ने 25 करोड़ 10 लाख रुपए सरेंडर दिया। टैक्स चोरी करने के इनपुट मिलने पर आयकर विभाग द्वारा महावीर कोल वाशरी और रेलवे ठेकेदार के ठिकानों पर सर्वे किया गया था। इस दौरान टैक्स चोरी पकडे़ जाने पर दोनों के द्वारा 55.10 करोड़ रुपए सरेंडर किया गया है। सर्वे की यह कार्रवाई मुख्य आयकर आयुक्त अपर्णा करण और आयुक्त आयकर प्रदीप हेडाऊ के निर्देश में की गई थी।