CG News: शिखा राजपूत नया कमिश्नर
राज्य शासन ने शनिवार को किरण कौशल को हटाकर शिखा राजपूत तिवारी को चिकित्सा शिक्षा विभाग का नया कमिश्नर बनाया है। किरण कौशल ने पिछले साल तीन अगस्त को पदभार संभाला था। इस तरह वे 9 माह से कम समय कमिश्नर रहीं। सबसे लंबा कार्यकाल उन्हीं का रहा। इसके पहले जेपी पाठक ने जनवरी से एक अगस्त 2024 तक सेवाएं दीं। तब सात माह तक सेवाएं देकर सबसे लंबा कार्यकाल रहा। यानी इस विभाग में करीब 9 माह ही अधिकतम कार्यकाल है। दरअसल इस विभाग में नेशनल मेडिकल कमीशन, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया व इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों को समझना इतना आसान नहीं है। ये नियम नॉन मेडिको को भारी पड़ता है और अधिकारी नियुक्ति के बाद से विभाग में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते। कुछ अधिकारी इसे लूपलाइन की तरह भी मानते हैं। यही कारण है कि यहां नियुक्ति के बाद जाने की फिराक में रहते हैं।
हैल्थ कमिश्नर व सेक्रेटरी होते थे डीएमई से ऊपर
जनवरी 2023 के पहले डीएमई के ऊपर हैल्थ कमिश्नर व हैल्थ सेक्रेटरी होते थे। संचालनालय में आईएएस को बिठाने का उद्देश्य कामकाज में कसावट लाना था, लेकिन हुआ इसका उल्टा। डीएमई के सारे पॉवर कमिश्नर को देने से बड़ा विवाद चल रहा है। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था, लेकिन कुछ निर्णय के पहले केस ही रफा-दफा हो गया। जिस वकील ने केस लिया था, वे केस से पीछे हट गए। प्रदेश में लगातार मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कमिश्नर बनाने का आदेश हैल्थ सेक्रेटरी आर. प्रसन्ना के कार्यकाल में जारी किया गया था।
कमिश्नर का पद नहीं सेटअप में, इसलिए दी चुनौती
रिटायर्ड डीएमई डॉ. विष्णु दत्त ने सीएमई को पूरा पॉवर देने पर मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने शासन के फैसले को यह कहकर चुनौती दी कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के सेटअप में कमिश्नर का कोई पद नहीं है। ऐसे में उनके सारे अधिकार छीनकर कमिश्नर को देना नियम विरुद्ध है। इस मामले में मेडिकल टीचर एसोसिएशन की भूमिका काफी उदासीन रही। हालांकि वे इस मामले में एक बार स्वास्थ्य मंत्री से मिले थे, लेकिन इसके बाद उनकी सक्रियता इस मामले को लेकर कम ही रही। कमिश्नर का पद एक आईएएस की नाराजगी का नतीजा बताया जाता है, जो अभी प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं।
विभाग में ये रहे कमिश्नर
नम्रता गांधी अब्दुल कैसर हक जयप्रकाश मौर्य चंद्रकांत वर्मा प्रभारी जेपी पाठक किरण कौशल