अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी खाद की कमी को देखते हुए यदि प्रदेश में डीएपी खाद की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही है, तो डीएपी के वैकल्पिक खादों के प्रति किसानों को जागरूक करें और जो वैकल्पिक खाद उपलब्ध है किसानों को दिया जाए।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा, प्रदेश में 2058 सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद का भण्डारण हो और किसानों की मांग के अनुरूप खाद मिले। उन्होंने नैनो यूरिया, नैनी डीएपी के छिड़काव के प्रति भी किसानों को जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। अधिकारियों ने बताया कि डीएपी की आपूर्ति के संबंध में प्रतिनिधियों से समन्वय कर खाद सप्लाई के लिए विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
आधा ही हुआ खाद का भंडारण
अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025 के लिए किसानों के मांग के अनुरूप विभाग 10.73 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य के विरुद्ध 5.85 लाख मीट्रिक टन का भण्डारण किया जा चुका है। साथ ही
किसानों को 4.37 लाख मीट्रिक टन खाद वितरित किए जा चुके हैं।
वर्तमान में समितियों में 1.18 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। डीएपी का लक्ष्य 78 हजार 331 मीट्रिक टन है। इसके विरुद्ध अब तक 75 हजार 428 मीट्रिक टन डीएपी का भण्डारण किया जाकर किसानों को 61 हजार 137 मीट्रिक टन खाद वितरण किया जा चुका है। समितियों में 14 हजार 291 मीट्रिक टन डीएपी खाद शेष है।