दरअसल, निगम के स्वास्थ्य विभाग के जिमेदार मुख्यालय से लेकर जोनों तक कभी जांच-पड़ताल करते ही नहीं हैं। सांठगांठ का ये खेल लंबे समय से चल रहा है। इसलिए ढाबा-रेस्टोरेंट वाले बेखौफ हैं। जबकि कई बार
महापौर मीनल चौबे और निगम आयुक्त विश्वदीप ने लोगों के सुविधाओं और स्वास्थ्य से जुड़े हर सेक्टर में गंभीरता से काम करने की हिदायत दी है। निगम आयुक्त विश्वदीप ने जब विभाग की अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही को सत निर्देश दिए, तब जाकर लाभांडी तरफ के ढाबों की जांच शुरू हुई, जिसमें जोन-9 की टीम भी शामिल थी।
ग्राहकों के साथ धोखा, बीमारी को न्योता
शहर के ढाबों और होटलों में खुलेआम बीमारियों को न्योता दे रहे हैं और अपने ग्राहकों के साथ धोखा कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर निगम की स्वास्थ्य विभाग की टीम एफआईआर कराने जैसी सत कार्रवाई करने के बजाय जुर्माना लगाकर लौट आई। जबकि जांच के दौरान ढाबों के किचन में भयंकर गंदगी का आलम था। सबसे अधिक गड़बड़ी लाभांडी क्षेत्र के सिंघम ढाबा में मिली।
पुराना चिकन और खाद्य पदार्थ, शाकाहारी और मांसाहारी खाना बनाने के लिए एक ही बर्तनों का उपयोग करते हुए पकड़ा। ऐसे ढाबा संचालकों को जोन के स्वास्थ्य अधिकारी नोटिस जारी करेंगे।
अवैध सिलेंडर भी जब्त
ढाबों में अवैध रूप से गैस सिलेंडर भी उपयोग किए जा रहे हैं। जांच में एक गैस सिलेंडर जब्त किया गया। जोन-9 के इन ढाबों की जांच में खाद्य विभाग, नगर निवेश विभाग, जोन-9 टीम शामिल थी। ये लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि ढाबों में गंदगी रहती है। जिसे तत्काल संज्ञान में लेकर आयुक्त विश्वदीप ने निगम में स्वास्थ्य अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही को निर्देश दिया । पांचों ढाबों में गंदगी पाई गई। जोन-9 स्वास्थ्य अधिकारी बारोन बंजारे ने बताया कि कड़ी चेतावनी देकर 70 हजार जुर्माना किया और संचालकों को नोटिस भी जारी करेंगे।