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Crime News: पुलिस ने मांगे ₹25000 और अरहर, परेशान किसान ने की आत्महत्या, नाराज साहू समाज ने किया थाना का घेराव इससे घटनास्थल या जरूरतमंद व्यक्ति तक ईआरवी भेजने में समस्या हुई। दूसरी ओर, कॉल करने वालों को भी बार-बार अपना पता बताने दिक्कत होती रही। उन तक पहुंचने के लिए कमांड सेंटर के कर्मचारियों को इतने सवाल करने पड़ रहे थे कि मदद मांगने वाले भी परेशान होते रहे। इससे कई लोगों तक पुलिस और मेडिकल इमरजेंसी की मदद देरी से पहुंची। ये समस्या 24 घंटे तक रही।
बिना अनुभव वाली कंपनी चला रही डॉयल 112 का संचालन वर्तमान में एबीपी कंपनी कर रही है। प्रारंभ में इस
कंपनी को केवल ईआरवी वाहनों के लिए ड्राइवर व अन्य मैनपॉवर सप्लाई करने का काम मिला था। अब टाटा कंपनी के छोड़ने के बाद से डॉयल 112 का संचालन इसी कंपनी से कराया जा रहा है, जबकि इसे आईटी और टेक्नीकल काम का अनुभव ही नहीं है। इसके बावजूद इनसे संचालन कराया जा रहा है।
करोड़ों की गाड़ियां हो रही खराब डॉयल 112 की सुविधा प्रदेश के 16 जिलों में ही है। प्रदेशभर में शुरू करने के लिए दो साल पहले भी बजट स्वीकृत हुआ था। उसी बजट से ईआरवी के लिए 200 से ज्यादा चौपहिया वाहन खरीदे गए हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण वे सभी गाड़ियां अमलेश्वर के बटालियन में खड़ी-खड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही हैं। बीएस6 गाड़ियां होने के कारण इसमें कई तकनीकी समस्याएं भी आ गई हैं।
डॉयल 112 का संचालन करने वाली एबीपी कंपनी को हर माह लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है। डॉयल 112 में इमरजेंसी मदद के लिए कॉल करने वाले का लोकेशन देने का काम दूसरी सॉटवेयर कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी को पिछले कुछ माह से उनका भुगतान ही नहीं किया जा रहा है। इसके चलते सॉटवेयर कंपनी के कर्मचारियों ने शुक्रवार को काम बंद कर दिया था। किसी भी कॉलर का लोकेशन डॉयल 112 की टेक्नीकल टीम को भेजना बंद कर दिया था। इससे परेशानी शुरू हो गई। बताया जाता है कि एबीपी को पुलिस मुयालय से पैसा मिल गया था, लेकिन एबीपी ने सॉटवेयर कंपनी को भुगतान नहीं किया था।
पीएचक्यू से पड़ी फटकार कॉल करने वालों का लोकेशन नहीं मिलने से डॉयल 112 के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था। सभी परेशान हो गए। कॉल करने वालों को बार-बार पूछकर उनके लोकेशन तक ईआरवी को भेजना पड़ता था, जिससे काफी टाइम लग रहा था। सूत्रों के मुताबिक, इसकी जानकारी पुलिस मुयालय के अधिकारियों को हुई। इसके बाद एबीपी कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाई गई। इसके बाद लोकेशन देने वाली कंपनी के कर्मचारियों का पैसा दिया गया। इसके बाद शनिवार से लोकेशन देने का काम शुरू हुआ है।
अफसरों ने साधी चुप्पी इस संबंध में पुलिस मुयालय से लेकर डॉयल 112 के कमांड सेंटर के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि डॉयल 112 का संचालन पहले टाटा कंपनी कर रही थी। कंपनी पर कई तरह के जुर्माना लगाने के चलते उसने काम छोड़ दिया है।