CG Gold Loan: गोल्ड लोन घोटाला…
इस दौरान अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। इसे देखते हुए सभी की न्यायिक डिमांड को बढ़ाने का अनुरोध किया। वहीं, जमानत आवेदन का विरोध करते हुए बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है।
इससे जांच और गवाह प्रभावित हो सकते हैं। इसे देखते हुए जमानत खारिज करने का अनुरोध किया, जिसे विशेष न्यायाधीश में स्वीकार कर आवेदन को खारिज कर सभी
आरोपियों की न्यायिक रिमांड 16 तक बढ़ाने का फैसला सुनाया।
1.65 करोड़ के घोटाले के आरोपी 16 तक जेल भेजे
बता दें कि इंडियन ओवरसीज बैंक राजिम में 2022 में गोल्ड लोन घोटाला हुआ था। बैंक मैनेजर सुनील कुमार, तत्कालीन सहायक प्रबंधक अंकित द्वारा
बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए 1.65 करोड़ रुपए का गोल्ड लोन फ्रॉड किया था। इस घोटाले में लिपिक योगेश और खेमनलाल को शामिल किया गया था। उक्त सभी लोगों ने बंद पड़े खातों और कम ट्रांजेक्शन वाले खातों को टारगेट बनाया।
फर्जी दस्तावेजों के सहारे उन खातों के नाम पर गोल्ड लोन स्वीकृत किए। साथ ही लोन की रकम को बैंक से निकालकर आपस में बांट लिया था। इस घोटाले में उक्त सभी को गिरफ्तार कर
ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर पूछताछ करने रिमांड पर लिया था। वहीं, जेल भेजे जाने के बाद बैंक की तत्कालीन सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही ने जमानत के लिए आवेदन लगाया था, जिसे कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है।