CGMSC Scam: 660 करोड़ का सीजीएमएससी घोटाला
सीजीएमएससी में कांग्रेस शासनकाल में 660 करोड़ रुपए के रीएजेंट व मेडिकल उपकरण घोटाले की देशभर में चर्चा में है। मोक्षित कॉर्पोरेशन के मालिक शशांक चोपड़ा व उनको लाभ पहुंचाने वाले 6 अधिकारी इन दिनों जेल की हवा खा रहे हैं।
बताया जाता है कि इस घोटाले में फंड देने वाली एजेंसी के मुखिया तक घोटाले की आंच तक नहीं आई है। यही नहीं, उन्हें उसी एजेंसी का जिमा भी दे दिया गया है, जब घोटाले के समय प्रभार था। इसकी चर्चा स्वास्थ्य विभाग में है कि जेल में बंद आरोपियों को बचाने की कोशिश भी की जा रही है। हालांकि पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता।
सीजीएमएससी में पारदर्शिता की कवायद
अधिकारियों का कहना है कि इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में दवा, चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति, वितरण, स्टॉक की स्थिति और यहां तक की निर्माणाधीन अस्पताल भवनों की प्रगति को भी रियल टाइम देखा जा सकता है। पोर्टल पर सभी निविदाएं, स्वीकृत आपूर्तिकर्ता और अनुबंध मूल्य सूची
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। दवाओं की डिलीवरी, स्टॉक की वर्तमान स्थिति और लंबित मांग की जानकारी दिन-प्रतिदिन अपडेट होती है। दवा परिवहन में लगे वाहनों की लाइव लोकेशन और उनके रूट की जानकारी भी नागरिक देख सकते हैं। निर्माणाधीन मेडिकल संस्थानों की प्रगति, बजट और योजनागत विवरण अब जनता की नज़रों में रहेगी।
अब ऑनलाइन देख सकेंगे सभी जानकारी
कॉर्पोरेशन की एमडी पद्मिनी भोई ने कहा कि पारदर्शिता केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आमजन यह जान सकें कि उनके स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा प्रत्येक संसाधन कहां और कैसे उपयोग हो रहा है? यह पोर्टल उसी दिशा में एक प्रभावी कदम है। यह पोर्टल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता में वृद्धि करेगा, बल्कि कार्य में पारदर्शिता,
भ्रष्टाचार नियंत्रण तथा नागरिकों के विश्वास में वृद्घि के लिए एक प्रभावशाली माध्यम सिद्ध होगा। यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य में सुशासन की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है, जो भविष्य की स्वास्थ्य सेवा योजनाओं को सशक्त आधार प्रदान करेगी।