शुभम मिश्रा, जो
भिलाई स्टील प्लांट में प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत था, 14 नवंबर 2024 को सरोना स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के किनारे गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला था। पुलिस से मिली सूचना के बाद परिजनों ने उसे एम्स रायपुर में भर्ती कराया, जहां 20 नवंबर 2024 को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
मृतक के पिता जगदीश मिश्रा का कहना है कि उनके बेटे ने सगाई से पहले कई बार शादी को लेकर चिंता जाहिर की थी। उसने बताया था कि उसे धमकियां मिल रही हैं कि यदि वह तय हुई लड़की से विवाह करेगा तो उसे जान से मार दिया जाएगा। शुभम ने जिस व्यक्ति का नाम लिया था, उसकी जानकारी भी उसके पिता ने डीडी नगर थाने में लिखित में दी थी।
पीड़ित परिवार ने 17 दिसंबर 2024 को तत्कालीन एसएसपी से मुलाकात कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। एसएसपी ने शिकायत को सीएसपी पुरानी बस्ती को भेज दिया था, जिसके बाद जांच के लिए थाना डीडी नगर के तीन अधिकारियों की टीम बनाई गई थी। बावजूद इसके, एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
अगली तारीख देकर किया गुमराह!
जगदीश मिश्रा का कहना है कि जब भी वे डीडी नगर थाना जाते हैं, तो उन्हें जांच अधिकारी अगली तारीख देकर गुमराह कर रहे हैं। पुलिस की इस लापरवाही से वे मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। उनका पूरा परिवार न्याय की उमीद में परेशान हो रहा है, लेकिन पुलिस का रवैया उदासीन बना हुआ है।
शुभम मिश्रा के पिता ने प्रेसवार्ता के माध्यम से पुलिस प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे को न्याय दिलाने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगे और पूरे परिवार के साथ अधिकारियों से गुहार लगाते रहेंगे। उन्होंने पुलिस विभाग से आग्रह किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।