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शहीद हेमू कालाणी वार्ड के पार्षद और जोन-2 के अध्यक्ष हरदीप सिंह (उर्फ बंटी) होरा ने टिकट कटने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए
कांग्रेस को अलविदा कह दिया। उन्होंने निर्दलीय उमीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। इसी तरह पूर्व पार्षद जसबीर सिंह ढिल्लन ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड से एमआईसी सदस्य आकाश तिवारी ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल कर पार्टी से अपनी नाराजगी जताई।
आरएसएस से जुड़ाव के आरोप पर छलका दर्द
शहीद राजीव पांडेय वार्ड के तीन बार के पार्षद और एमआईसी सदस्य समीर अतर को भी टिकट नहीं मिला। इस सीट से कांग्रेस ने देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, अरविंद दीक्षित वार्ड से जोन-10 के अध्यक्ष आकाशदीप शर्मा का टिकट भी काट दिया गया। आकाशदीप ने सोशल मीडिया पर लिखा, ’’मुझ पर आरएसएस का आदमी होने का आरोप लगाकर टिकट काटा गया। मैंने सनातन धर्म के महा आयोजन में सिर्फ अपना कर्तव्य निभाया था। पार्टी से गद्दारी नहीं की। अगर कोई और वजह बताई जाती, तो मन नहीं दुखता, लेकिन ऐसा आरोप लगाना गलत है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि वे निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि पार्टी के प्रत्याशी सुरजीत को जिताने के लिए काम करेंगे। चुनाव में टिकट वितरण के बाद नेताओं की नाराजगी कांग्रेस के लिए चुनौती बनती जा रही है। पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले उमीदवार न केवल पार्टी की स्थिति कमजोर कर सकते हैं, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकते हैं। पार्टी को इस स्थिति से निपटने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाने की जरूरत है।