खाली बर्तन लेकर हाईवे पर बैठीं महिलाएं
गांव की महिलाएं बीते सप्ताह अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंची थीं, जहां उन्हें अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया था। लेकिन समस्या जस की तस बनी रही, जिससे आक्रोशित होकर महिलाओं ने सड़क पर खाली बर्तन रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रहे, जबकि गांव में पानी का घोर संकट है। पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण
ग्रामीण रामकिशन, राजू, जमना प्रसाद और राधाबाई ने बताया कि उन्हें हर दिन पानी के लिए कभी वेयर हाउस, तो कभी पठारी गांव जाना पड़ता है। निजी बोर वाले कभी पानी भरने देते हैं, तो कभी भगा देते हैं। गांव में दो हैंडपंप हैं, लेकिन वे भी लंबे समय से खराब पड़े हैं, जिसे सुधारने के लिए पीएचई विभाग ने अब तक कोई प्रयास नहीं किया।
बिजली नहीं, डीपी नहीं रखी गई
ग्रामीणों का कहना है कि गांव की डीपी पांच महीने पहले जल गई थी। कलेक्टर के निर्देश पर ग्रामीणों ने 40 हजार रुपये जमा भी कर दिए, लेकिन इसके बावजूद बिजली कंपनी ने अब तक डीपी नहीं रखी। बिजली न होने के कारण गांव में लगे निजी नलकूप भी ठप पड़े हैं, जिससे जल संकट और गंभीर हो गया है। एसडीएम ने दिया समाधान का आश्वासन
गांव में बढ़ते हंगामे और जाम की खबर मिलते ही एसडीएम मुकेश सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि शनिवार को ही गांव में नई डीपी लगा दी जाएगी और पांच दिन के भीतर नया बोर कराकर पानी की समस्या हल की जाएगी। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम समाप्त किया और हाईवे पर यातायात बहाल हो सका।