शिक्षकों का आरोप है कि
भोपाल स्थित संयुक्त संचालक कार्यालय के कुछ बाबू वेतन फिक्सेशन बिना लेन-देन के अनुमोदित नहीं कर रहे हैं, जिससे एरियर का भुगतान लटक गया है। शिक्षकों का कहना है कि यदि उन्हें समय पर एरियर मिल जाता, तो वे इसका सही उपयोग कर सकते थे। लेकिन अब देरी के कारण यह राशि सीधे आयकर में चली जा रही है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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प्रशासन से कार्रवाई की मांग की
शिक्षक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि यदि भुगतान में देरी के लिए जिले के अधिकारी जिम्मेदार हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। वहीं, यदि इस लापरवाही के पीछे भोपाल स्थित संयुक्त संचालक कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी हैं, तो शासन को उनके खिलाफ कठोर कदम उठाना चाहिए। शिक्षकों ने जल्द से जल्द एरियर भुगतान की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि भुगतान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने पर विवश होंगे।