12 फरवरी को एसडीएम सुशील वर्मा, तहसीलदार विराट अवस्थी, नायब तहसीलदार अंगारिका कनौजिया एवं रेलवे अधिकारियों ने ग्राम तुर्कीपुरा के 22 किसानों से जिनकी कुल 31 बीघा भूमि अधिग्रहण में चली गई है। उनसे गांव पहुंचकर बात भी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि शासन के पास उनकी जो मुआवजा राशि है। वह अभी ले लें। वहीं दूसरी तरफ इन 22 किसानों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
22 किसानों को नोटिस जारी
वर्ष 2017 से मुआवजा और राशि के ब्याज की मांग कर डाली है। हालांकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जिसके बादएसडीएम सुशील वर्मा ने इन 22 किसानों को नोटिस जारी करते हुए सख्त हिदायत दी है कि वह तीन दिनों के अंदर प्रशासन को अपने बैंक खाता नंबर एवं आधार कार्ड दे दे। जिससे उनके खाते में मुआवजा राशि डाल दी जाए। वहीं दूसरी तरफ किसानों को एसडीएम के नोटिस पर आपत्ति है। जिसे वह न्यायालय के निर्णय आने तक मानने से इंकार कर रहे है।
यह है मामला
रेलवे लाइन बिछाने के लिए राजस्व विभाग के माध्यम से नक्शा अनुसार भूमि का सर्वे वर्ष 2017 में कराया था। इस समय ग्राम तुर्कीपुरा एवं बड़ोदिया तालाब के साथ ही ग्राम गिलाखेड़ी, सेमलखेड़ी, बिजोरी आदि ग्रामों का भी सर्वे हुआ था। वर्ष 2017 में ग्राम तुर्कीपुरा एवं बड़ोदिया तालाब को छोड़कर बाकी ग्रामों का वर्ष 2017 में अवॉर्ड कर दिया था और वर्ष 2017 से इन सभी ग्रामों के किसानों को मुआवजा राशि के साथ ब्याज भी प्रशासन द्वारा दे दिया गया। अब यहां पर प्रश्न यह उठना है कि जब इन ग्रामों के साथ इन दो गांव का सर्वे हुआ था तो फिर प्रशासन ने इनका अवार्ड 2022 में क्यों किया। कुल मिलाकर यहां पर प्रशासन के माध्यम से सर्वे एवं अवॉर्ड करने में कहीं न कहीं गलती हुई है, जो कि जांच का विषय बना हुआ है। मामले में किसानों को न्यायालय से निर्णय आने का इंतजार है।