ऐसे में शहर में मुख्य मार्ग से गुजर रहे वाहन चालक व राहगीर परेशान हो रहे थे। इसको लेकर पत्रिका ने 4 जनवरी के अंक में देख तेरे शहर की हालत ये क्या हो गई सरकार, अब तो सुन लो कोई पुकार… शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। जिसमें क्षतिग्रस्त चैंबर व गडढों के बारे में अवगत कराया गया। ये मामला जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल नगरपरिषद के आयुक्त को निर्देश देकर शहर के हालात का जायजा लेने और चैंबरों और गडढों को सुधारने के निर्देश दिए। इसके बाद नगरपरिषद की टीम ने शहर के मुख्य स्थानों पर खुले चैंबरों, गडढों और क्षतिग्रस्त चैंबरों को दुरुस्त किया।
टीम ने शहर के विभिन्न स्थानों पर भी ऐसे गडढों को चिन्हित किया और उनको सुधारने का काम किया। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय पर शहरी चिकित्सालय के पास टूटे चैंबर से निकल रहे गंदे पानी ने लोगों का जीन दूभर कर दिया था। वहीं आवरी माता मंदिर के पीछे भी मार्ग पर टूटा चैंबर परेशानी का सबब बना हुआ था। इसी प्रकार संतोषी नगर में क्षतिग्रस्त चैंबर की हालत भी ठीक नहीं थी। लेकिन कलक्टर के निर्देश पर नगरपरिषद की टीम ने इनको दुरुस्त किया। नगरपरिषद की ओर से किए गए कार्य के बाद आयुक्त ने कार्य की प्रगति रिपोर्ट तैयार कर जिला कलक्टर को भेजी और कार्य पूर्णता की जानकारी दी।