दस साल बाद भी नहीं बढ़ी संख्या, मात्र 2 हजार घर जुड़े
जिला मुख्यालय पर राजस्थान शहरी क्षेत्र विकास विनियोजन (रूडीप) के माध्यम से 14 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई गई थी। इससे घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीवरेज से जोड़ा गया। इसके तहत पहले चरण में करीब 2000 घरों को इससे जोड़ा गया। इससे निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए प्रतापपुरा में 2016 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लंाट का निर्माण करवाया गया था। इसकी क्षमता 5 एमएलडी है। लेकिन घरों की संख्या मात्र 2 हजार होने के कारण वर्तमान में बामुश्किल 2 एमएलडी पानी ही ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंच रहा है। ऐसे में अब सीवरेज कनेक्शनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। जानकारों के अनुसार अधिकांश मकान ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ सकते हैं। इससे ही गंदगी ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंच पाएगी।
वर्तमान में 80-90 बीओडी, नए का रहेगा 10
निर्माणाधीन एसटीपी की क्षमता 5 एमएलडी है। यह स्लस बेस रियेक्टर तकनीक से निर्माण होने के कारण इससे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। पानी का बीओडी 10 के आस-पास रहने की उम्मीद है, जबकि वर्तमान में संचालित एसटीपी से बीओडी 80-90 रहता है। इससे निकलने वाले पानी की राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे निकलने वाले हानिकारण पदार्थो पर रोक लगेगी और पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। फैक्ट फाइल
- 8,4,79,000 रुपए खर्च होंगे अपग्रेड पर
- 6 अक्टूबर 2023 को प्रारंभ हुआ काम
- 5 अप्रेल 2025 तक काम करना पूरा
- 16000 हजार मकान शहरी क्षेत्र में
- 2000 मकान जुड़़े हैं सीवरेज से
कनेक्शनों की संख्या बढ़ाने के लिए जल्द करेंगे टेण्डर
सीवरेज लाइन जिन-जिन जगह से गुजर रही है। वहां पर जिन घरों के कनेक्शन नहीं हुई है, उन्हें करवाने के लिए जल्द टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे। इससे ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी का फ्लो बढ़ेगाष। वर्तमान में ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करवाया जा रहा है। इससे पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।