Live In Relationship Law : अनमैरिड कपल्स को लिव इन में रहने से पहले किन बातों को जान लेना चाहिए
Live in relationship rules : भारत में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर क्या कानून है और लिव इन में रहना सही या गलत? इस बात को वकील व एक रिलेशनशिप एक्सपर्ट से समझिए।
Live in relationship rules in hindi | फोटो डिजाइन- पत्रिका
Live In Relationship Law In India : मेट्रो सिटी में लिव इन रिलेशनशिप का कल्चर अधिक देखने को मिलता है। पिछले कुछ सालों में लिव इन रिलेशनशिप का ट्रेंड भी अधिक देखने को मिल रहा है। अगर इस तरह की रिश्ते की शुरुआत करना चाह रहे हैं तो आपको कुछ बातें जान लेनी चाहिए। लिव इन रिलेशनशिप का कानून क्या है, लिव इन रिलेशनशिप के फायदे और लिव इन में रहना सही या गलत…। इन बातों को हम महिला वकील व एक रिलेशनशिप एक्सपर्ट से समझेंगे।
Expert Tips on Live In Relationship : महिला वकील ज्योति गोयल व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. धारणा भारद्वाज से पत्रिका की बातचीत
क्या है लिव इन रिलेशनशिप?
लिव इन रिलेशनशिप का कानून क्या है?
लिव इन रिलेशनशिप के लिए कोई एग्रीमेंट होता है?
क्या भारत में अविवाहित जोड़ों का एक साथ रहना अवैध है?
क्या लिव इन रिलेशनशिप में मेंटेनेंस क्लेम कर सकते हैं?
लिव इन में रहना सही या गलत?
क्या है लिव इन रिलेशनशिप?
लिव इन रिलेशनशिप एक प्रकार का रिश्ता है। इसके अनुसार, दो अविवाहित व्यस्क अपनी मर्जी से साथ रहकर गृहस्थ जीवन जीने का फैसला लेते हैं। मोटे तौर पर समझने के लिए कहा जाए तो पति-पत्नी के रूप में रहते हैं। इसके लिए शादी करना जरूरी नहीं होता है।
लिव इन रिलेशनशिप का कानून क्या है | Live In Relationship Law
लिव इन रिलेशनशिप पर महिला वकील की राय | फोटो- पत्रिका ज्योति गोयल, महिला वकील कहती हैं, “लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कोई स्पेशल कानून नहीं है। ऐसा करना अपराध नहीं है। इस तरह के रिश्ते को संविधान की अलग-अलग धाराओं के आधार पर अधिकार मिलता है। अगर दो लोग अपनी इच्छा से बिना शादी किए साथ रहना चाहते हैं तो वो रह सकते हैं।”
लिव इन रिलेशनशिप पर सुप्रीम कोर्ट का कहना
साल 2006 के एक केस में फैसला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वयस्क होने के बाद व्यक्ति किसी के साथ रहने या शादी करने के लिए पूरी तरह आजाद है। इसके बाद एक प्रकार से देश को लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कानूनी समर्थन मिल गया था।
हाईकोर्ट्स ने भी लिव इन रिलेशनशिप को दिया समर्थन
साल 2019 में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि लिव-इन-रिलेशनशिप में कपल्स का साथ रहना अपराध नहीं है। साथ ही साल 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक केस के अपने फैसले में कहा था कि लिव-इन रिलेशनशिप को पर्सनल ऑटोनोमी (व्यक्तिगत स्वायत्तता) के चश्मे से देखने की आवश्यकता है। इसे सामाजिक नैतिकता की धारणाओं से ना देखें।
क्या लिव इन रिलेशनशिप में मेंटेनेंस क्लेम कर सकते हैं | Can live-in relationship claim maintenance?
वकील ज्योति कहती हैं कि भारतीय संविधान की अलग-अलग धारा के तहत रिश्ते को अधिकार मिलता है। जैसे- भरण-पोषण का अधिकार, बच्चों को संपत्ति के उत्तराधिकार का अधिकार, बच्चों की कस्टडी आदि। अगर किसी तरह की हिंसा होती है तो उसे घरेलू हिंसा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
लिव इन रिलेशनशिप के लिए कोई एग्रीमेंट होता है | Is there any agreement for a live-in relationship?
लिव इन रिलेशनशिप के लिए कोई एग्रीमेंट नहीं होता है। दो व्यस्क बिना शादी के साथ रहने का निर्णय अपनी मर्जी से लेते हैं। हां, अगर कोई साथ रहने के बाद रजिस्टर मैरिज या धर्म के अनुसार शादी करना चाहे तो कोई रोक-टोक भी नहीं है।
लिव इन में रहना सही या गलत?
अब हमें इस तरह के रिश्ते को रिलेशनशिप एक्सपर्ट के नजरिए से भी देखने की आवश्यकता है। इस बात को रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. धारणा भारद्वाज ने बताया, कोई भी रिश्ता सही या गलत नहीं होता। वो रिश्ता कैसा होगा, ये सबकुछ साथ रहने वाले पर निर्भर करता है।
लिव इन की बात करें तो आप पहले से एक दूसरे को जितना जानते हों, साथ रहने के बाद वाली जिंदगी अलग हो सकती है। आप हर दिन सुबह से लेकर रात तक साथ रहना है। एक दूसरे की आदतों स्वीकार करना होगा, कुछ नजरअंदाज भी करना पड़ सकता है। सामाजिक, आर्थिक कई तरह की चुनौतियां आएंगी। इसके लिए भी दोनों को साथ रहना होगा। अगर आप इन सभी चीजों के लिए तैयार हैं तो लिव इन में रहने की राह को चुन सकते हैं।