जानें कब है फाल्गुन पूर्णिमा 2025 (Fagun Purnima Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे होगा और इसका समापन 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे होगा। उदयातिथि में फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को मनाई जाएगी। हालांकि व्रत और पूजन आदि 13 मार्च को किया जाएगा।
फाल्गुन पूर्णिमा 2025 का महत्व (Fagun Purnima 2025 Importance)
फाल्गुन पूर्णिमा को विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान नृसिंह जो श्री हरि विष्णु के चौथे अवतार माने जाते हैं, की भी पूजा की जाती है।
मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा से कष्ट कटते हैं और सुख-शांति आती है। साथ ही इस दिन श्री सत्यानारायण कथा का आयोजन करने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का संचार होता है। इस दिन लक्ष्मी जयंती, चैतन्य महाप्रभु जयंती भी मनाई जाती है।
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फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। आइये जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि क्या है ..
1.सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। 2. भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। 3. घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें, पीले फूल, पीले वस्त्र और तुलसी दल अर्पित करें।
4. श्री सत्यानारायण कथा का पाठ करें और आरती करें। 5. शाम को चंद्रमा का दर्शन कर व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन का दान करें। ये भी पढ़ेंः
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फाल्गुन पूर्णिमा के उपाय (Fagun Purnima Upay)
वाराणसी के पुरोहित शुभम तिवारी के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में शुभता और समृद्धि आती है। यदि कोई व्यक्ति इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करता है तो सकारात्मक परिणाम मिलता है।
1.गंगा स्नान करें या किसी पवित्र नदी में स्नान कर दान-पुण्य करें। इस दिन जो भी व्यक्ति गंगा स्नान करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है। 2. भगवान विष्णु को पीले फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें, माता लक्ष्मी को 16 श्रृंगार और लाल गुलाब चढ़ाएं। इसके बाद गरीबों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने से कई जन्मों के पाप कट जाते हैं और पुण्य मिलता है।
3. श्री सत्यानारायण पूजा करें और प्रसाद स्वरूप फल, मिठाई और पंचामृत वितरित करें। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय मोरपंख और बांसुरी दान करें। इससे पारिवारिक जीवन में प्रेम, दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।
4. दूध में केसर मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसे चंद्रमा की विशेष कृपा रहती है, चंद्र दोष दूर रहता है। 5. भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और समृद्धि बढ़ती है।