क्या है पूरा मामला
दरअसल, कुछ छात्र स्कूल परिसर में खेल रहे थे। इसी बीच एक शिक्षक की कार में गेंद लग गई, जिससे शीशा टूट गया। इस दौरान शिक्षक ने गलती करने वाले छात्रों के नाम पूछे तो किसी ने नहीं बताया। इसकी वजह से शिक्षक ने प्राचार्य से शिकायत की और पूरे क्लास के छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया।
छात्रों ने प्रशासन से की शिकायत
सभी निलंबित छात्र कलेक्ट्रेट पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई है। छात्रा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा एक पक्षीय कार्रवाई की गई है। कुछ ऐसे भी छात्र हैं, जिनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। छात्रों का आरोप है कि उनकी बात न तो प्रिंसिपल ने सुनी और न ही टीचर ने। एकतरफा आदेश सुनाते हुए सभी को स्कूल परिसर से बाहर निकाल दिया गया। ऐसे में छात्रों का स्कूल प्रबंधन से सवाल है कि कई छात्र जो बाहर राज्यों से हैं। वह कहां पर जाएंगे।
26 फरवरी छात्रों के बोर्ड एग्जाम
छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं 26 फरवरी से होनी है। ऐसे में हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को सस्पेंड कर गेट से बाहर निकाले जाने पर उनकी परीक्षा पर असर हो सकता है। छात्रों ने इस संबंध में शिक्षकों से जानकारी चाही थी तो कहा गया कि वह हास्टल में नहीं रहेंगे। बाहर से आकर परीक्षा दे सकेंगे।
स्कूल प्रबंधन ने साधी चुप्पी
छात्रों को निलंबित कर गेट से बाहर निकाले जाने के संबंध में सैनिक स्कूल के प्राचार्य से संपर्क किया गया लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। स्कूल के दूसरे अधिकारियों ने सैनिक सेवा के प्रोटोकाल का हवाला देते हुए कहा कि प्राचार्य बात नहीं करेंगे। साथ ही यह भी स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि जिन छात्रों को निलंबित किया गया है, वह आखिरी वर्ष के छात्र हैं। उन्हें कुछ दिन के बाद पढ़ाई पूरी कर चले जाना है, इसलिए वह कई दिनों से जूनियर छात्रों के साथ अभद्रता कर रहे थे। साथ ही कई शिक्षकों के साथ कहासुनी कर चुके हैं। शिक्षकों के वाहनों में तोडफ़ोड़ भी की। अनुशासन के नियमों का उल्लंघन किए जाने पर स्कूल प्रबंधन ने कार्रवाई की है।