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आग लगने से जले पौधे, टूटी फेंसिंग से अंदर पहुंच रहे मवेशी

तीस हेक्टेयर में वन विभाग ने लगाए हैं पौधे, सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है विभाग, लाखों रुपए कर दिए जाते हैं बर्बाद

सागरMar 01, 2025 / 12:13 pm

sachendra tiwari

Plants burnt due to fire, cattle entering through broken fencing

आग से जले हुए पौधे

बीना. वन विभाग पौधे लगाने का कार्य तो हर वर्ष करता है और उन्हें सुरक्षित रखने के दावा भी एक जाते हैं, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में पौधे खराब हो जाते हैं। पिछले वर्षों में जुगपुरा के पास वन विभाग ने 30 हेक्टेयर में पौधे लगाए थे, जो सुरक्षित नहीं है।
विभाग ने पौधे लगाने के बाद इन्हें सुरक्षित करने के लिए फेंसिंग लगाई है, जो कई जगह से टूट गई है। साथ ही यहां आग लगने से बड़ी संख्या में पौधे जल गए हैं। ग्रामीण भी यहां फेंसिंग, गेट को क्षति पहुंचा रहे हैं। क्योंकि यहां कर्मचारी देखरेख नहीं कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य जगहों पर पौधरोपण किया गया है, लेकिन देखरेख न होने से पौधे खराब हो रहे हैं। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी धरती हरीभरी नहीं हो पा रही है।
बीपीसीएल के ग्रीन बेल्ट में घास
बीपीसीएल ने जुगपुरा में एक लाख से ज्यादा पौधे वन विभाग की जगह पर लगाए है, जिसमें जमीन वन विभाग की है और पूरी लागत बीपीसीएल ने लगाई है। यहां भी पौधों के बीच सूखी घास खड़ी हुई है, जिससे गर्मी के मौसम में आग लगने का खतरा रहेगा। यहां भी कुछ जगहों पर फेंसिंग टूट गई है, जिससे मवेशी अंदर जा सकते हैं।
फेंसिंग के पास लगाई जा रही है आग
गर्मी में पौधों को आग से बचाने के लिए बाहरी तरफ फेंसिंग के पास छोड़ी गई पट्टी के पास आग लगाई जाती है, जिससे गर्मी के मौसम में अंदर आग न पहुंचे। जहां-जहां फेंसिंग टूटी है, उसकी मरम्मत कराई जाएगी। फेंसिंग नील गायों के झुंड निकलने से टूट जाती है।
चंद्रभूषण ठाकुर, रेंजर, खुरई

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