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मदर्स डे पर विशेष : भारत की मां को सलाम, देश सेवा के लिए बॉर्डर पर तैनात हैं इनके जांबाज बेटा-बेटियां

. मां का समर्पण और संघर्ष बच्चों का जीवन पथ पर रोशन करते रहे हैं। मां कई परेशानियों को झेलकर भी हालात के सामने हार नहीं मानी। सागर में ऐसी कई मां हैं, जिन्होंने अपने बच्चों के लिए देश सेवा करने की प्रेरणा दी। अपनी ममता को त्याग करके बच्चों को देश सेवा करने के लिए कहा। आज इनके बेटा और बेटी बॉर्डर पर तैनात हैं।

सागरMay 11, 2025 / 11:44 am

रेशु जैन

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सागर . मां का समर्पण और संघर्ष बच्चों का जीवन पथ पर रोशन करते रहे हैं। मां कई परेशानियों को झेलकर भी हालात के सामने हार नहीं मानी। सागर में ऐसी कई मां हैं, जिन्होंने अपने बच्चों के लिए देश सेवा करने की प्रेरणा दी। अपनी ममता को त्याग करके बच्चों को देश सेवा करने के लिए कहा। आज इनके बेटा और बेटी बॉर्डर पर तैनात हैं। भारत-पाकिस्तान युद्ध में यह भूमिका निभा रहे हैं। युद्ध शुरु होते ही बच्चों से संपर्क कट गया है, लेकिन इन मां का कहना है देश के लिए बेटों की जान भी न्यौछावर है। आज मदर्स डे के मौके पर हमने ऐसी ही मां से बात की।
मेरे तीनों बेटे देश सेवा के लिए समर्पित, मुझे गर्व है

ग्वालटोली कुड़ारी की निवासी कौशा बाई यादव का फौजी परिवार देश सेवा में समर्पित है। कौशा बाई ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं। तीनों भारतीय सेना में बार्डर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि बड़ा बेटा सुरेश यादव महार रेजिमेंट और नरेंद्र भी महार रेजिमेंट सेना में देश की सेवा के लिए समर्पित है। तीसरा बेटे नरेश यादव ने 17 वर्ष देश की रक्षा की है और सेवा निवृत्त हुए हैं। अगर ऐसी परिस्थितियों में अगर फिर बार्डर पर देश सेवा कि लिए बुलाया जाएगा तो पुन: देश के प्रति में अपने बेटे को भेजकर गौरवान्वित महसूस करूगीं। मेरे तीनों बेटों के जान इस देश के लिए न्यौछावर है। देश सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि जब बेटे घर लौटते हैं तो पूरी ममता पर उन पर लूटा देती हूं। मैं भी अपने बेटे को देश की सेवा करते हुए गौरांवित महसूस करती हैं।
इंडियन नेवी में कमांडर है मेरी बेटी

संजय ड्राइव पर स्थित गीतांजलि ग्रीन सिटी निवासी निलिमा मिश्रा ने बताया कि उनकी बेटी निमिषा मिश्रा इंडियन नेवी में कमांडर के पद कार्यरत है। निलिमा ने बताया कि 21 वर्ष पहले निलिमा ने नेवी में जाने का फैसला लिया था। वह शुरु से देश सेवा करना चाहती थी। समुद्र किनारे के क्षेत्रों में उसकी ड्यूटी होती है। निलिमा ने बताया कि उसके पति किरण कुमार भी भारतीय तट रक्षक बल में कमांडेंट है। दोनों मिलकर देश सेवा के लिए कार्य कर रहे हैं। निलिमा ने बताया कि उनकी दो बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी निमिषा बचपन से ही देेश सेवा करना चाहती थी। उसका चयन थल सेना के लिए भी हुआ, लेकिन पहले नेवी की ज्वाइंनिंग मिली थी। इस समय बेटी देश सेवा कर रही है। उसे अपनी बेटी पर फर्क है।
युद्ध शुरु होते ही टूटा बेटे से संपर्क

केंट कपूरिया निवासी गीता बाई यादव ने बताया कि उनका बेटा हिमांशु यादव भारतीय सेना में सेवारत हैं। अभी देश की सीमा पर तैनात हैं। गीता ने बताया कि भारत-पाकिस्तान का युद्ध शुरु होते ही बेटे से मोबाइल पर संपर्क नहीं हो रहा है। हिमांशु देश सेवा के लिए महार रेजिमेंट अंतरराष्ट्रीय सीमा पर है। मेरे पति नारायण (बब्लू) भी आर्मी में हवलदार पद पर सेवारत हैं। पिता और पुत्र मिलकर दोनों देश सेवा कर रहे हैं। देश के प्रति समर्पण भाव देकर मैं बेटे को आशीर्वाद देती हूं कि वह इस युद्ध में पाकिस्तान को परास्त करे।

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