भावों के आधार पर तय होता है आगे का मार्ग
भाग्योदय तीर्थ में मुनि विमल सागर और मुनि अनंत सागर के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान के छठवें दिन मंगलवार को महापात्र और इंद्र ने 256 अर्घ चढ़ाए।


भाग्योदय तीर्थ में मुनि विमल सागर और मुनि अनंत सागर के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान के छठवें दिन मंगलवार को महापात्र और इंद्र ने 256 अर्घ चढ़ाए। इस अवसर पर मुनि अनंत सागर ने कहा कि इस पुण्य भूमि पर सिद्ध चक्र विधान हो रहा है। जीवन में जैसे भाव होते है उन भावों के माध्यम से ही आगे के मार्ग हमारे तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि अष्टानिका पर्व में पावनार्थिक कमाई का सीजन चल रहा है। आपने जिंदगी भर खूब कमाई की है, लेकिन धार्मिक कमाई अनुष्ठान के महापर्व के दौरान ही होती है। अन्य समय के मुकाबले इस समय करवाए गए धार्मिक अनुष्ठानों में कई गुना फायदा होता है।
विधानाचार्य ब्रह्मचारी धीरज भैया के निर्देशन में चल रहा है। विधान सातवें दिन 512 अर्घ चढ़ाएं जाएंगे। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि मंगलवार को विधान के समय नगर के छह जैन मंदिरों से वहां की कमेटियां द्रव्य समर्पित करने के लिए भाग्योदय पहुंची। इनमें अर्हतकूट जिनालय विद्यासागर नगर आईटीआई सागर, वासुपूज्य जिनालय रामपुरा, अरिहंत बिहार कालोनी, उदासीन आश्रम, निर्भय सागर महिला मंडल मोराजी, दिगंबर सोशल ग्रुप अर्हम व बरोदिया ग्राम ने अष्ट द्रव्य सजाकर पहुंची।
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