सागर. जिले में गेहूं कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे पर्यावरण, पशुधन और खेत की उर्वरता पर गंभीर असर पड़ रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर संदीप जीआर ने सख्त कदम उठाया है। संपूर्ण जिले में नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। राष्ट्रीय […]
- रोक लगाने के लिए कलेक्टर संदीप जीआर ने उठाया है सख्त कदम
सागर. जिले में गेहूं कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे पर्यावरण, पशुधन और खेत की उर्वरता पर गंभीर असर पड़ रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर संदीप जीआर ने सख्त कदम उठाया है। संपूर्ण जिले में नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। राष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन नीति 2014 के तहत फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जिला स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। आदेश में एक दर्जन से अधिक कारण बताते हुए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है और जुर्माने की राशि भी तय की गई है। जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसे किसान जिनके पास 2 एकड़ से कम जमीन है, उन पर 2500 रुपए प्रति घटना पर्यावरण क्षति पूर्ति के लिए अर्थदंड लगेगा। दो एकड़ से अधिक व पांच एकड़ से कम जमीन पर 5 हजार रुपए, 5 एकड़ से अधिक जमीन पर संबंधित किसान पर 15 हजार रुपए प्रति घटना के हिसाब से जुर्माना लगेगा। उपरोक्त आदेश का जिले में परिपालन सुनिश्चित करने के लिए उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सागर नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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