चिंगारियों से भड़की आग ( Fire )
कोतवाली सिटी क्षेत्र में घंटाघर के पास बेदी कूलर के नाम से कूलर का गोदाम है। यहां कमर्शियल कूलर मिलते हैं। यहां इतना बड़ा गोदाम है कि यह गली बेदी वाली गली कही जाती है। बुधवार को सब कुछ रोजाना की तरह चल रहा था। गोदाम की ऊपरी मंजिल में कर्मचारी काम कर रहे थे। अचानक यहां फैली चिंगारी कूलर की खस-खस में गई और आग लग गई। इसके बाद लपटें कूलर की बॉडी में फैल गई। देखते ही देखते आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया। आनन-फानन में दमकल कर्मियों को सूचना दे गई। दमकलकर्मियों की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंची लेकिन गली बेहद सकरी होने की वजह से अंदर नहीं जा सकी। इसके बाद पाइप बिछाकर अंदर तक पानी ले जाया गया। इस तरह करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग की लपटों पर काबू पाया जा सका।
घटना के समय गोदाम में 15 लोग मौजूद थे
कूलर का गोदाम तीन मंजिला इमारत में चल रहा था। हरदीप बेदी का परिवार भी यहीं रहता था। घटना के समय हरदीप बेदी के परिवार समेत घर में कुल पंद्रह लोग मौजूद थे। किसी तरह इन सभी को बाहर सुरक्षित निकाला गया। आग की लपटें इतनी भयंकर थी कि आसमान में काले बादल से छा गए। शहर के हर कोने से काला धुंआ देखा गया। स्थानीय लोग इतने डर गए कि लपटों को देखते हुए आस-पास के मकानों को लोगों ने छोड़ दिया और अलग हट गए। इन लोगों को लग रहा था कि आग की लपटें पड़ोस के घरों में भी फैल सकती है। इस घटना ने एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है कि शहर में ऐसे स्थानों पर व्यापारिक गतिविधियां क्यों चल रही हैं जहां दमकल कर्मियों की गाड़ियां तक जाने की जगह नहीं है। दमकलकर्मियों का कहना है कि आग लगने के पीछे कारणों का पता लगाया जा रहा है।