कौन हैं भाजपा नेता गुलफाम
गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र से 2004 के उप चुनाव में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को चुनौती देने वाले 66 वर्षीय गुलफाम सिंह यादव भाजपा में कई पदों पर रहे। उनकी पत्नी तीसरी बार दबथरा हिमाचल से प्रधान हैं। पुलिस के मुताबिक सोमवार को गुलफाम घेर में बैठे हुए थे। मोटरसाइकिल से आए तीनों आरोपियों ने गुलफाम यादव से नमस्ते की। पानी पिलाकर जैसे ही गुलफाम लेटे, उनमें से एक बदमाश ने पेट में जहरीला इंजेक्शन लगा दिया और वहां से भाग निकले। इंजेक्शन लगने से उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।
फॉरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य
बेटे ने पुलिस को इसकी सूचना दी और गुलफाम को लेकर सीएचसी पहुंचे, जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई, एएसपी अनुकृति शर्मा और सीओ व फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। उधर, देर रात अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पर आरएसएस व भाजपा के तमाम नेता जुट गए। पोस्टमार्टम में जहर की पुष्टि नहीं होने के कारण विसरा सुरक्षित रखा गया है। परिजन रात करीब सवा दस बजे शव लेकर संभल के लिए निकले।
मुलायम के खिलाफ चुनाव लड़ चर्चा में आए थे गुलफाम
भाजपा के वरिष्ठ नेता और संभल विधानसभा प्रभारी गुलफाम सिंह यादव की रहस्यमयी हत्या ने पूरे राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है। एक समय मुलायम सिंह यादव के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़कर सुर्खियों में आए गुलफाम सिंह भाजपा के एक मजबूत स्तंभ थे। उनकी राजनीतिक यात्रा संघर्षों और साहसिक फैसलों से भरी रही, जिसने उन्हें भाजपा में एक खास पहचान दिलाई। वर्ष 2004 में गुन्नौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव मैदान में थे। उस समय भाजपा ने इस सीट पर गुलफाम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी बनाकर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला था। यह चुनाव पूरी तरह से एकतरफा रहा और मुलायम सिंह यादव ने रिकॉर्ड 91.77 प्रतिशत वोट हासिल किए। उन्हें कुल 1,95,213 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी गुलफाम सिंह यादव महज 6,941 वोट ही जुटा सके। इस चुनाव में बसपा के उम्मीदवार आरिफ अली दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 11,314 वोट मिले थे।
हालांकि, भले ही यह चुनावी मुकाबला गुलफाम सिंह के पक्ष में नहीं रहा, लेकिन भाजपा ने उन्हें पार्टी का एक मजबूत चेहरा मानते हुए आगे बढ़ाया। इस चुनाव के बाद वह लगातार पार्टी संगठन में सक्रिय बने रहे और प्रदेश स्तर तक अपनी राजनीतिक पहुंच बनाई।