दरअसल राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी आई कि बिरसिंहपुर में ईओडब्लू ने तहसीलदार के रीडर को ट्रैप किया है। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि इस तरह के मामले में संबंधित को तत्काल निलंबित किया जाए। अभियोजन का इंतजार न करें। तभी किसी अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोग उच्च न्यायालय चले जाते हैं। जहां से उन्हें स्टे मिल जाता है। तब कलेक्टर ने कहा कि वह कोर्ट का निर्णय होगा। हम अपना काम करें। ऐसे लोग अगर ट्रैप के बाद वहां बैठते हैं तो निश्चित तौर पर काम प्रभावित करेंगे।
संयुक्त दल बना कर करें कार्यवाही कलेक्टर ने पहली बार राजस्व अधिकारियों की बैठक में उन विभागों के अधिकारियों को भी बुलाया जहां रेवेन्यू विभाग से जुड़ कर कार्यवाही होती है। आबकारी, खनिज, खाद, फूड सेफ्टी, नापतौल सहित अन्य मामलों में टीम बनाकर काम करें। आवश्यक होने पर एसडीएम का सहयोग ले।
तो वसूली के साथ होगी कार्यवाही खुले बोरवेल के संबंध में कहा कि सभी पंचायतों से इस संबंध में प्रमाण पत्र ले लें। इसके बाद खुले बोर वेल की सूचना पर इनाम रखा जाएगा। इस दौरान मामला सामने आने पर संबंधित से वसूली की कार्यवाही होगी साथ ही सचिव व पटवारी पर कार्यवाही की जाएगी।
पटवारी के मनमानी राज पर लगाम कलेक्टर ने सतना के पटवारियों के मनमानी राज पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा है कि पटवारी गांवों में नियमित जाएं और सप्ताह में तहसील कार्यालय में आकर अपने काम की पूरी रिपोर्ट दें। कलेक्टर ने बताया कि उनके पिता पटवारी थे। फिर उनके कार्यशैली की जानकारी दी। कहा पटवारियों के कामों की शिकायतें मुझ तक नहीं आनी चाहिए।
कोई नहीं बता सका फार्मर रजिस्ट्री कलेक्टर ने फार्मर रजिस्ट्री की समीक्षा की। प्रकरण काफी संख्या में लंबित मिले। कलेक्टर ने तहसीलदारों से पूछा कि फार्मर रजिस्ट्री में करते क्या हैं। जिस पर कोई भी तहसीलदार जानकारी नहीं दे सका। इस पर कलेक्टर ने एसएलआर से इसकी पूरी जानकारी दिलवाई। चित्रकूट में की गई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सतत तौर पर जारी रखने की बात कही।
आमने-सामने हुए रेवेन्यू और पंजीयन विभाग कलेक्टर ने जमीन फर्जीवाड़े के दो केस बताए। जिसमें एक सेना के जवान के निधन के बाद उसकी जमीन के सीमांकन का फैसला उसकी विधवा पत्नी के पक्ष में होने के बाद भी दबंग निर्माण नहीं करने दे रहे हैं। इसी तरह एक हॉकर को किसी के द्वारा दूसरे की जमीन बेच देने का मामला रखा। इन दोनों मामलों में सख्त कार्रवाई करने की बात कही। तभी तहसीलदार रघुराजनगर ने कहा कि पंजीयन कार्यालय की गलती से फर्जी रजिस्ट्री हो रही है। जिस पर जिला पंजीयन अधिकारी ने कहा कि उनके यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। राजस्व लेकर पंजीयन करना काम है। इस पर काफी तल्ख बहस की स्थिति बन गई। तब कलेक्टर ने मामले को शांत कराया। कहा, सुनिश्चित करें कि अहस्तातरणीय और भू आवंटन के पट्टों की जमीन की खरीदी-बिक्री नहीं हो।
सराहना भी की आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज और निराकृत राजस्व प्रकरणों की समीक्षा में 84 प्रतिशत से अधिक निस्तारण पर कोठी और बिरसिंहपुर को छोड़ शेष तहसीलदारों की प्रगति अच्छी रहने पर सराहना की। इसी प्रकार 91 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों के निस्तारण पर वृत्त चोरहटा, छिबौरा, सोहावल, बरौंधा, हाटी, रामस्थान, सिंहपुर और कोटर के नायब तहसीलदार की सराहना की। सबसे अच्छा परफॉर्मेंस 95.34 प्रतिशत नायब तहसीलदार चोरहटा का रहा।