किराएदार को उधार दिए थे 3.69 लाख
सिंधी कैप निवासी पीड़ित आशा सिंह ने बताया कि छिपहटी मोहल्ला माघवगढ़ निवासी जावेद अतर उसके मकान में किराएदार था। उसने अपनी परेशानियां बताकर उनसे 70,000 और बाद में 2.99 लाख रुपए उधार लिए थे। उसने दो साल में पैसे लौटाने का वादा किया था, लेकिन नहीं लौटाए। मांगने पर रीवा में पदस्थ महिला आरक्षक साई खान उसे धमकाती थी। जब आशा सिंह ने रुपए मांगना नहीं छोड़ा, तो महिला आरक्षक साई गुरुवार दोपहर 2 बजे उसके घर आ धमकी। उसके साथ कोलगवां थाने की एक अन्य महिला आरक्षक सहित चार पुलिसकर्मी थे। वे उसे थाने ले गए, जहां आरक्षक साई ने अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में बुरी तरह मारपीट की। पिटाई से थाने में हुई बेहोश
पीड़िता आशा सिंह ने बताया कि आरक्षक साई खान ने उसे इतना पीटा कि उसके गाल से खून बहने लगा और वो थाने में ही बेहोश हो गई। इसके बाद पुलिस ने मेडिकल कराकर उसे छोड़ दिया। आशा सिंह का आरोप है कि थाने में मारपीट करने के बाद आरक्षक साई खान ने उसे धमकी दी कि जावेद से पैसों की मांग की तो तुझे जेल के अंदर डालकर सड़वा दूंगी। आशा का कहना है कि उसने जावेद के खिलाफ शिकायत भी की थी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
टीआई ने कहा ‘झूमाझटकी हुई मारपीट नहीं’
इस पूरी घटना को थाना प्रभारी सुदीप सोनी ने यह कहते हुए हल्का करार देने की कोशिश की कि झूमाझटकी में आशा सिंह को मामूली चोट लग गई। उनका कहना है कि रीवा की महिला आरक्षक साई खान ने शिकायत की थी कि आशा सिंह ने फोन पर गाली-गलौज कर धमकी देती है। इसी सिलसिले में आशा सिंह और साई को थाना बुलाया गया था। महिला आरक्षक साई उस जावेद अतर की परिचित है, जिसने आशा सिंह से रुपए उधार लिए थे। थाने में दोनों पक्षों के बीच बहस और झूमाझटकी हुई जिसमें आशा को थोड़ी चोट लग गई।