दरअसल, पूरा मामला रामस्थान-भठिया का है। यहां रहने वाली सोनम कोल को जननी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था। उसी वक्त आंधी-पानी के कारण बिजली गोल हो गई। तभी सोनम को प्रसव पीड़ा होने लगी और उसने बच्चे को जन्म दे दिया। परिजनों ने डिलीवरी होने के बाद लेबर रूम में जाकर स्टाफ को सूचना दी लेकिन बिजली गोल थी। अस्पताल में उस वक्त जनरेटर भी नहीं चालू हुआ था। ऐसे में फिर टॉर्च की रोशनी का सहारा लेकर ऑपरेशन करना पड़ा।
इधर, अस्पताल प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि इमरजेंसी की स्थिति में जनरेटर और सोलर पैनल की व्यवस्था है, लेकिन घटनाक्रम के वक्त कोई व्यवस्था नहीं थी। इस पूरे मामले पर सर्जन मनोज शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग जगहों पर जनरेटर लगाए गए हैं। बिजली जाते ही जनरेटर चालू करने के सख्त निर्देश हैं। मामले की जांच कराई जाएगी।
परिजनों के मुताबिक, यह सोनम की चौथी डिलीवरी है।