किसान 200 से ज्यादा बार कर चुके शिकायत
फैक्टरी से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी बिना ट्रीटमेंट के बाहर छोड़ा जाता है। यह खेत होते हुए नाले में और फिर सीवन नदी में मिल जाता है। सीवन नदी का पानी इतना दूषित हो गया है कि ग्रामीण निस्तार कार्य में भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीण बीते कई साल से इस फैक्ट्री को बंद करने शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों की माने तो बीते करीब 5 साल में 200 से ज्यादा शिकायती आवेदन पनीर फैक्टरी के खिलाफ दिए गए हैं, लेकिन इन पर जांच के बाद कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती है। पिपलियामीरा गांव के ग्रामीण बताते हैं कि सीवन नदी में जिस जगह फैक्टरी से निकला गंदा पानी मिलता है, वहां कोई पशु पानी पीले तो उसकी मौत निश्चित है। पानी के संपर्क में आते ही शरीर में खुजली होने लगती है। बारिश के सीजन में तो फैक्ट्री प्रबंधन पर कई बार सीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड), बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) पाउडर नदी में बहाने के आरोप लगते हैं।