गौरतलब है कि पिछले 2025 में के तीन माह तक 39 नाबालिग लड़कियां, 202 लड़कियां व महिलाएं और 15 नाबालिग लड़कों की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट जिलेभर के पुलिस थानों में आ चुकी है। ऐसे में नाबालिग लड़कियों व बालिग लड़कियां व शादीशुदा महिलाओं की भी बड़ी संख्या में मिसिंग पर्सन रिपोर्ट दर्ज हो रही है।
लड़के व लड़कियां कॉलेज जाने, बाजार जाने, कपड़े लाने या सिलवाने, दोस्त या सहेली के पास जाने, परीक्षा देने जाने, कोचिंग जाने की बात का बहाना बनाकर घर से भाग रहे हैं। ये कैसेज लगातार बढ़ रहे हैं।
लड़कों व पुरुषों की मिसिंग रिपोर्ट में भी हुई वृद्धि
यही नहीं अब नाबालिग लड़कों के साथ ही बालिग लड़कों व पुरुषों के घर से गायब होने की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट भी दर्ज हो रही है। नाबालिग लड़कियों, बालिग लड़कियों या महिलाओं के घर से जाने के कैसेज के साथ ही अब लड़कों व पुरुषों के जाने की एमपीआर भी बड़ी संया में दर्ज हो रही है। सूत्रों के अनुसार कई मामलों में तो शादी के लिए रजामंदी से जाने वाले लड़के के परिवार के सदस्य भी एमपीआर दर्ज करवाते हैं ताकि सामने वाला पक्ष उन पर हावी नहीं हो सके पीछे रह रहे परिवार को अनावश्यक परेशान नहीं कर सके। हालांकि कोर्ट मैरिज या आर्य समाज में विवाह के बाद युगल पुलिस से सुरक्षा मांगते हैं या लड़की के परिवार को पाबंद करवाते हैं ताकि वे किसी प्रकार से हमला या मारपीट नहीं कर सकें।
लड़के, लड़कियों व महिलाओं के घर छोड़कर जाने की घटनाएं सभी जगह बढ़ी हैं। इसके पीछे तकनीकी सुविधाएं बढ़ना, मोबाइल, सोशल मीडिया की भूमिका भी ज्यादा है। सीकर जिले में शिक्षा के साथ ही पैसा व स्मृद्धी बढ़ी है, इसमें महिलाओं की भी सहभागिता रही है। संपन्नता व शिक्षा ने स्वछंदता को बढ़ावा दिया है। ऐसे में पश्चिमी संस्कृति हावी होने से समाज में युवा अपने निर्णय स्वयं लेने लगे हैं। युवाओं पर समाज एवं परिवार का नियंत्रण धीरे-धीरे घट रहा है। परिवार के समान की बात भी पीछे छूट गई है, युवा वर्ग मेरा जीवन मेरी मर्जी के अनुसार चल रहे हैं।
प्रोफेसर अरविंद महला, समाजशास्त्री व प्राचार्य, श्री कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय, सीकर