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राजस्थान के इस जिले में बढ़ गए नाबालिग और बालिग लड़कियों और महिलाओं के घर से भागने के मामले, 394 से 859 पहुंची संख्या

Missing Persons Report increasing: पिछले 2025 में के तीन माह तक 39 नाबालिग लड़कियां, 202 लड़कियां व महिलाएं और 15 नाबालिग लड़कों की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट जिलेभर के पुलिस थानों में आ चुकी है।

सीकरMay 12, 2025 / 03:02 pm

Akshita Deora

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यादवेंद्र सिंह राठौर

सीकर जिले में घर से नाबालिग लड़कियों, महिलाओं के गायब होने व घर छोड़कर भागने के मामले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस विभाग की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट (एमपीआर) रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में घरों से लापता होने वाली नाबालिग लड़कियों, बालिग लड़के-लड़कियों की संख्या दोगुनी हो गई है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2020 में 106 नाबालिग लड़कियां, 394 लड़कियां व महिलाएं व 28 नाबालिग लड़कों व 123 पुरुषों की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसकी तुलना में पांच साल बाद 2024 में 151 नाबालिग लड़कियां, 859 लड़कियां व महिलाएं और 223 पुरुष की एमपीआर दर्ज हुई थी। हालांकि इनमें ज्यादातर नाबालिग, महिलाएं व लड़कियां कुछ माह या सालभर बाद वापस आ जाती हैं, या वे शादी कर पुलिस सुरक्षा ले लेती हैं। पुलिस के अनुसार सीकर जिले में हर महीने नाबालिग, बालिग लड़कियां व पुरुषों की 120 से अधिक एमपीआर दर्ज होती है। यह आंकड़ा हर वर्ष बढ़ता जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले 2025 में के तीन माह तक 39 नाबालिग लड़कियां, 202 लड़कियां व महिलाएं और 15 नाबालिग लड़कों की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट जिलेभर के पुलिस थानों में आ चुकी है। ऐसे में नाबालिग लड़कियों व बालिग लड़कियां व शादीशुदा महिलाओं की भी बड़ी संख्या में मिसिंग पर्सन रिपोर्ट दर्ज हो रही है।
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लड़के व लड़कियां कॉलेज जाने, बाजार जाने, कपड़े लाने या सिलवाने, दोस्त या सहेली के पास जाने, परीक्षा देने जाने, कोचिंग जाने की बात का बहाना बनाकर घर से भाग रहे हैं। ये कैसेज लगातार बढ़ रहे हैं।

लड़कों व पुरुषों की मिसिंग रिपोर्ट में भी हुई वृद्धि

यही नहीं अब नाबालिग लड़कों के साथ ही बालिग लड़कों व पुरुषों के घर से गायब होने की मिसिंग पर्सन रिपोर्ट भी दर्ज हो रही है।
नाबालिग लड़कियों, बालिग लड़कियों या महिलाओं के घर से जाने के कैसेज के साथ ही अब लड़कों व पुरुषों के जाने की एमपीआर भी बड़ी संया में दर्ज हो रही है। सूत्रों के अनुसार कई मामलों में तो शादी के लिए रजामंदी से जाने वाले लड़के के परिवार के सदस्य भी एमपीआर दर्ज करवाते हैं ताकि सामने वाला पक्ष उन पर हावी नहीं हो सके पीछे रह रहे परिवार को अनावश्यक परेशान नहीं कर सके। हालांकि कोर्ट मैरिज या आर्य समाज में विवाह के बाद युगल पुलिस से सुरक्षा मांगते हैं या लड़की के परिवार को पाबंद करवाते हैं ताकि वे किसी प्रकार से हमला या मारपीट नहीं कर सकें।
लड़के, लड़कियों व महिलाओं के घर छोड़कर जाने की घटनाएं सभी जगह बढ़ी हैं। इसके पीछे तकनीकी सुविधाएं बढ़ना, मोबाइल, सोशल मीडिया की भूमिका भी ज्यादा है। सीकर जिले में शिक्षा के साथ ही पैसा व स्मृद्धी बढ़ी है, इसमें महिलाओं की भी सहभागिता रही है। संपन्नता व शिक्षा ने स्वछंदता को बढ़ावा दिया है। ऐसे में पश्चिमी संस्कृति हावी होने से समाज में युवा अपने निर्णय स्वयं लेने लगे हैं। युवाओं पर समाज एवं परिवार का नियंत्रण धीरे-धीरे घट रहा है। परिवार के समान की बात भी पीछे छूट गई है, युवा वर्ग मेरा जीवन मेरी मर्जी के अनुसार चल रहे हैं।
प्रोफेसर अरविंद महला, समाजशास्त्री व प्राचार्य, श्री कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय, सीकर

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