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Sikar: मेंहदीपुर बालाजी या सालासर हनुमान जी नहीं ये इकलौता मंदिर है गिनीज बुक में दर्ज, लगाया गया था अनोखा भोग

Devipura Balaji Mandir Guinness Record: राजस्थान के सीकर में स्थित देवीपुरा बालाजी मंदिर न सिर्फ चमत्कारी मान्यता के लिए मशहूर है, बल्कि 2700 किलो रोट के अनोखे भोग के कारण गिनीज बुक में भी दर्ज है। जानिए पूरी कहानी।

सीकरApr 12, 2025 / 10:34 am

JAYANT SHARMA

Rajasthan में बालाजी महाराज के चमत्कारी मंदिरों की जब बात होती है, तो अक्सर दौसा जिले का मेंहदीपुर बालाजी मंदिर और चूरू जिले के सालासर बालाजी का जिक्र जरूर होता है। लेकिन राजस्थान में बालाजी का एक ऐसा भी मंदिर है जिस मंदिर का नाम गिनीज बुक रिकॉर्ड में दर्ज है। यह है सीकर का देवीपुरा बालाजी मंदिर…। यह मंदिर न सिर्फ भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि एक अनोखी घटना के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। यह एक शक्ति पीठ है।
मंदिर से जुड़े जानकारों के अनुसार, करीब 350 साल पहले बालाजी महाराज की अष्टधातु प्रतिमा को जयपुर से किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में रात होने पर मूर्ति को विश्राम के लिए भगवान राम के मंदिर के पास रखा गया। अगली सुबह जब मूर्ति को उठाने की कोशिश की गई, तो वह अपनी जगह से हिली तक नहीं। मान्यता है कि उसी समय प्रतिमा से आवाज आई कि मैं अपने आराध्य राम के पास ही रहना चाहता हूं।… तब सीकर के शासक राजा देवी सिंह ने इसे स्थायी रूप से यहीं स्थापित करवा दिया।
इस मंदिर का एक और बड़ा आकर्षण है विश्व का सबसे बड़ा रोट, जो साल 2023 में बालाजी महाराज को अर्पित किया गया। इस रोट का वजन था 2700 किलो! इसे तैयार करने में जेसीबी, क्रेन और सैकड़ों कारीगरों का योगदान रहा। यही कारण है कि इस अद्भुत आयोजन ने मंदिर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। 25000 से ज्यादा भक्तों ने एक साथ प्रसादी पाई थी।

हर साल हनुमान जयंती पर मंदिर में भव्य कार्यक्रम होते हैं। देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां उमड़ते हैं। भजन संध्या, अखंड रामायण और विशेष पूजा.पाठ जैसे आयोजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। देवीपुरा बालाजी सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि चमत्कार, परंपरा और श्रद्धा का प्रतीक है।

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