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राजस्थान की ये लडकियां कभी बीनती थी कचरा, आज दिल्ली की परेड में बनी मेहमान

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कार्यक्रम में भी शामिल होगी। कच्ची बस्ती की लड़कियां अमूमन कचरा बीनने या मांगने का काम करती है।

सीकरJan 26, 2025 / 01:52 pm

Akshita Deora

Republic Day 2025: राजस्थान पत्रिका की पहल पर हाउसिंग बोर्ड स्थित कच्ची बस्ती में खुले सिलाई केंद्र की बेटियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन को भाने के बाद रविवार को दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह की मेहमान बनी।

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झुग्गी से निकलकर आत्मनिर्भरता की इबारत लिखने वाली इन बेटियों को देश के मुख्य समारोह के लिए आमंत्रण मिला है। जिसके बाद श्रीकरणी पाठशाला संचालक शैतानसिंह कविया की अगुआई में चार बेटियां इलायची, आसु, प्रियंका और मनीषा शनिवार को दिल्ली पहुंच गए। गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने सहित ये बेटियां दिल्ली में चार दिन मेहमान रहेगी।

VIP गैलरी में जगह, दो दिन करेंगे भ्रमण

चार दिवसीय यात्रा में कच्ची बस्ती की बेटियां अलग- अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेगी। 26 जनवरी की परेड वे वीआइपी गैलरी में बैठकर देखेगी। इसके बाद उन्हें दो दिन दिल्ली के प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कार्यक्रम में भी शामिल होगी। कच्ची बस्ती की लड़कियां अमूमन कचरा बीनने या मांगने का काम करती है।
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इन्हें कौशल विकास के जरिए रोजगार से जोड़ने के लिए राजस्थान पत्रिका की प्रेरणा से जमनालाल बजाज आइटीआइ ने 2018 में करणी स्कूल में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया था। निदेशक श्रवण थालौड़ ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए ब्यूटी पार्लर का कोर्स भी करवाया।

पीएम मोदी कर चुके मन की बात में जिक्र

सिलाई केंद्र व ब्यूटी पार्लर कोर्स से रोजगार लायक होने पर इन बेटियों की खबर पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित की। इससे मामला पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचा। उन्होंने मई 2018 में अपनी मन की बात में इन बेटियों की सराहना की।
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पत्रिका बना सेतु

कच्ची बस्ती के बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए पत्रिका व करणी विकास संस्थान 2014 से प्रयासरत है। बालश्रम और भिक्षावृत्ति से झुग्गी के बच्चों को दूर रखने के लिए समाजसेवी शैतान सिंह करणी पाठशाला के जरिये अब तक 800 से ज्यादा बच्चों को पढ़ा चुके हैं। इनमें से कई आइटीआई व नर्सिंग सहित विभिन्न कोर्स कर जीवन की दिशा भी बदल चुके हैं।

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