खतरे में 300 से ज्यादा भालुओं के आवास
बताया जा रहा है कि माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य करीब 300 से अधिक भालुओं का प्राकृतिक आवास है। इसके अलावा, यहां पैंथर, सांभर, लकड़बग्घा और दुर्लभ पक्षी प्रजातियों का भी निवास है। स्थानीय लोगों के अनुसार आग इतनी तेज़ थी कि कई वन्यजीवों के झुलसने की आशंका है। हालांकि, वन विभाग ने अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
गंभीरी नाले के पास फिर भड़की आग
रविवार को भारतीय सेना, एयरफोर्स, सीआरपीएफ और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से आग को काफ़ी हद तक काबू कर लिया गया था। लेकिन सोमवार को गंभीरी नाले के पास दोबारा आग भड़क गई। तेज़ हवा के चलते आग पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है। मौके पर वन विभाग के कर्मचारी, स्थानिय लोग, आर्मी के जवानी, दमकल वाहन और नगर पालिका की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं।
माउंट आबू के जंगलों की विशेषता
बता दें, इस वन्यजीव अभ्यारण्य में 820 से अधिक प्रकार की वनस्पति और औषधीय पौधे, 250 तरह की पक्षी प्रजातियां, जिनमें 155 दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं। साथ ही हजारो पैंथर, भालू, सांभर और अन्य वन्यजीवों का भी प्राकृतिक आवास है। यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
2017 में भी लगी थी भयानक आग
2017 में माउंट आबू के हनीमून पॉइंट, सनसेट पॉइंट और अन्य 16 स्थानों पर भीषण आग लग गई थी। स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों से तीन दिनों तक पानी बरसाया गया था। बता दें यहां पिछले 10 सालों में सैंकड़ों बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी है, लेकिन इस बार आग का तांडव ज्यादा देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि वन विभाग और प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से सतर्क रहने और जंगल में जाने से बचने की अपील की है। साथ ही, आग को लेकर किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने का अनुरोध किया गया है।