जन आवास में पसरी गंदगी
मुख्यमंत्री जन आवास योजना के कई फ्लैट के बाहर रंग-रोगन कर दिया गया। फ्लैट भी कहने को तैयार कर दिए गए। हकीकत यह है कि हर फ्लैट गंदगी से अटा है। उनमें मवेशी विचरते हैं। श्वान बैठे रहते हैं। इतनी मिट्टी व गंदगी पसरी है कि फ्लैट में प्रवेश करना मुश्किल है। बाहर भी आस-पास झांडि़यां उगी हैं।
लोन भर रहे हैं
मुख्यमंत्री जन आवास योजना में फ्लैट लेने वाली सावित्री देवी बारियां ने बताया कि फ्लैट के लिए 3 लाख 67 हजार का लोन लिया था। उसकी हर माह 4300 रुपए किस्त भरनी पड़ रही है। फ्लैट अभी तक नहीं मिला है। नीरू देवी का कहना है पूरी रकम एक साथ जमा करा दी थी। वह जमा नहीं कराते तो कम से कम बैंक का ब्याज तो मिलता। नगर परिषद के तो चक्कर लगाकर थक गए हैं।
प्लॉट की राशि फंस गई
राजीव विहार योजना बनने पर उसमें करीब 10 लाख रुपए देकर प्लॉट रखा। उसे आज तक विकसित नहीं किया गया है। यह कहना है लालचंद मेहता है। उन्होंने बताया कि उनके साथ ही अन्य कई लोगों की रकम इस योजना में लगी है। विहार में केवल झाडि़यां हैं। उसके आगे व बाहर अन्य कॉलोनियों के प्लॉट कट रहे है, लेकिन इस योजना को विकसित नहीं किया जा रहा।
राजीव विहार योजना का रूप
शिलान्यास : वर्ष 2013 योजना में प्लॉट: 1131 प्लॉट की लॉटरी निकाली : 804 आवेदन करने वाले: 677 प्लॉट की राशि जमा करवाने वाले: 425 योजना के वर्ग गज: 5500
मुख्यमंत्री जन आवास योजना
योजना का लोकार्पण: 30 जून 2019 योजना में फ्लैट: 1056