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लापरवाही: कैंसर मरीजों के लिए जानलेवा बन रही अनदेखी

समय पर दवाएं व इलाज नहीं मिलने से हो रही परेशानी नजीता एक साल में घट गए मरीज पहले रोजाना तीन से चार मरीजों की होती थी कीमोथैरेपी सीकर. सीकर मेडिकल कॉलेज के अधीन राजकीय श्री कल्याण जिला अस्पताल में भले ही चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा हो रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि अस्पताल में […]

सीकरMar 26, 2025 / 07:29 pm

Puran

समय पर दवाएं व इलाज नहीं मिलने से हो रही परेशानी

नजीता एक साल में घट गए मरीज

पहले रोजाना तीन से चार मरीजों की होती थी कीमोथैरेपी

सीकर. सीकर मेडिकल कॉलेज के अधीन राजकीय श्री कल्याण जिला अस्पताल में भले ही चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा हो रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि अस्पताल में कैंसर की असहनीय पीड़ा से गुजरने वाले कैंसर मरीजों की अनदेखी की जा रही है।
वजह अस्पताल में कैंसर के उपचार के लिए ओंकोलॉजिस्ट का नहीं होना है। रही सही कसर लम्बे समय से प्रदेश स्तर से अस्पताल में कैंसर के मरीजों की कीमोथैरेपी के लिए कई दवाओं का सप्लाई नहीं होना है। ऐसे में मजबूरी में निशुल्क कीमोथैरेपी के लिए आने वाले मरीजों को जयपुर-बीकानेर जैसे बड़े सेंटर उपचार लेना पड़ता है। हालांकि प्रबंधन की ओर से स्थानीय स्तर पर कीमोथैरेपी के लिए दवाओं की खरीद तो की जाती है लेकिन ये दवाएं भी देरी से आती है। इसके कारण मरीज को कई दिन तक कीमोथैरेपी के लिए इंतजार करना पड़ता है। निजी क्षेत्र में कीमोथैरेपी करवाने पर हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
कम हो रहे मरीज

कल्याण अस्पताल में कैंसर रोग के उपचार के लिए पांच बैड की कैंसर केयर यूनिट है। विडम्बना है कि कैंसर केयर यूनिट एसके अस्पताल में इस समय टीनशेड में चल रही है।
कैंसर केयर यूनिट के अस्पताल में अन्नपूर्णा रसोई होने के कारण मरीज को खासी परेशानी होती है। पूर्व में ड्रग वेयर हाउस जयपुर से सप्लाई आने पर अस्पताल में रोजाना औसतन तीन से चार मरीजों की कीमोथैरेपी होती है । अब दवाएं नहीं आने के कारण औसतन एक मरीज की कीमोथैरेपी हो रही है। जबकि अस्पताल में कैंसर के करीब ढाई हजार से ज्यादा मरीज पंजीकृत है।
यह है कीमोथैरेपी

कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार कीमोथैरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए कैंसर-विरोधी दवाओं का उपयोग करती है। ये दवाएं बीमार के रक्त में जाती है। खून में मिलने से ये दवाएं उस स्थान पर काम करती है जहां कैंसर बना रहा है। इससे मरीज को कैंसर की असहनीय पीड़ा से भी आराम मिल जाता है।
उच्चाधिकारियों को अवगत करवाएंगे

कीमोथैरेपी के लिए अस्पताल में प्रदेश स्तर से दवाओं की सप्लाई नहीं की जा रही है।कीमोथैरेपी की दवाओं की स्थानीय स्तर पर खरीद की जाती है। अस्पताल में ओंकोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। अस्पताल प्रशासन का प्रयास है कि कैंसर के मरीजों को परेशान नहीं हो ।
डॉ. केके अग्रवाल, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज सीकर

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