एक माह तक चलेगा अभियान
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा और एक माह तक जागरूकता कैपेन चलाया जाएगा। 16 जून तक चलने वाले अभियान में सभी के लिए कार्डियोवास्कुलर हैल्थ फॉर एवरी वन थीम पर जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी के एनसीडी क्लिनिक पर एक माह तक विभिन्न गतिविधियां की जाएगी। इसके तहत साइकिल रैली, मैराथन जागरूकता रैली, वॉल पेंटिंग, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन पर जागरूकता कैप, क्विज, सेमिनार, शॉर्ट फिल्म, टॉक शो, स्लोगन लेखन, नुक्कड़ नाटक, ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता स्क्रीनिंग शिविर, वैबिनार, ट्रेनिंग आदि का आयोजन किया जाएगा। आयोजन के अनुसार नंबर दिए जाएंगे और इन्ही नंबरों के आधार पर राज्य व केन्द्र स्तर पर बेहतर कार्य करने वाले जिलों का चयन किया जाएगा।
लक्षण नजर नहीं आते
चिकित्सकों के अनुसार चिंताजनक बात है कि हाइपर टेंशन के शुरूआती लक्षणों में कई बार अचानक सिर दर्द, चक्कर आना, थकान, धुंधली दृष्टि या बेचैनी के रूप में नजरआते हैं। जिनका समय पर पता न चलने पर यह हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों को स्थाई नुकसान पहुंचाता है। कई बार हार्ट अटैक के बाद जिन युवाओं को बचा लिया जाता है, उनमें हाइपरटेंशन की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवनीश कुमार के अनुसार, अब 30 साल से कम उम्र के मरीज भी हाइपरटेंशन और उससे जुड़ी जटिलताओं के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में अभी भी ब्लड प्रेशर को लेकर जागरूकता बेहद कम है। लोगों को इसकी जांच की आवश्यकता का भी ज्ञान नहीं है, जिससे समय रहते इसका पता नहीं चल पाता और यह अचानक स्ट्रोक या किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले लेता है।
समय पर जांच रोक सकती है अनहोनी
कई बार लोग बीपी बढ़ने के सामान्य लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये संकेत साइलेंट बीपी अटैक के हो सकते हैं। हल्का सिरदर्द या चक्कर आना, आंखों के सामने धुंधलापन, थकान और कमजोरी, अचानक घबराहट या बेचैनी, सांस लेने में परेशानी, बिना वजह ज्यादा पसीना, छाती में हल्का दर्द या भारीपन, नींद में कमी या बार-बार नींद खुलना के लक्षण होते हैं। ऐसे लक्षण मिलने पर फौरन ब्लड प्रेशर चेक करवाएं और नियमित दवाएं लें। समय पर किडनी फंक्शन टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल जांच, ईसीजी और ईकोकार्डियोग्राफी, यूरिन एनालिसिस और ब्लड शुगर टेस्ट नियमित जांच कराएं, संतुलित जीवनशैली अपनाएं और दूसरों को भी जागरूक करें। आमतौर पर लोग लोग अक्सर इन टेस्ट्स को फिजूलखर्च समझकर टाल देते हैं, जबकि यही जांचें समय रहते गंभीर बीमारियों को रोक सकती हैं।
यूं करें बचाव
चिकित्सकों के अनुसार नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं। संतुलित आहार लें और नमक की मात्रा कम करें। शरीर की क्षमता के अनुसार शारीरिक श्रम करें और अधिक कैलोरी वाले भोजन से दूर रहें। जंकफूड से दूरी बनाएं। तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें। व्यायाम और योग को नियमित रूप से जीवनशैली में शामिल करें। नियमित व्यायाम और योग को जीवनशैली में शामिल करें। धूम्रपान और शराब से दूर रहें। हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर बनने से रोका जा सके।
सावधानी जरूरी
हाइपर टेंशन के बचने का उपाय केवल सावधानी है। हाई बीपी जैसी बीमारी को पहचानने और उसे रोकने के लिए जागरूकता ही सबसे कारगर हथियार है। कई बार हार्ट अटैक के बाद ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ जाती है। जिससे शरीर को स्थाई रूप से नुकसान पहुंचता है।
डॉ. जय पुरोहित, कार्डियोलॉजिस्ट, कल्याण अस्पताल