रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव : संभाग में उपलब्ध शासकीय भूमि की जुटा रहे जानकारी, विभागों के साथ कर रहे मंथन
आईटीआई कैम्पस या फिर बाणगंगा मेला मैदान मेंं कार्यक्रम को लेकर तैयार कर रहे रूपरेखा
शहडोल. संभागीय मुख्यालय में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। प्रशासनिक स्तर पर इसे लेकर मंथन भी शुरु हो गया है। इससे जुड़े विभागों के साथ प्रशासनिक अधिकारी लगातार बैठकें कर इसकी रूपरेखा बनाने में जुटे हुए हैं। हाल ही में एमपीआईडीसी के अधिकारियों ने कलेक्टर व कमिश्नर से भी इस संबंध में मुलाकात कर अपनी बात रखी है। इसके अलावा एमएसएमई व निवेश प्रोत्साहन केंद्र समिति के साथ भी प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक की है। आगामी जनवरी माह में प्रस्तावित इस रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के लिए फिलहाल आईटीआई कॉलेज कैम्पस व बाणगंगा मेला मैदान में रूपरेखा तय की जा रही है। इस कान्क्लेव में छोटे, मध्यम व लघु उद्योगों को लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके अलावा यहां उपलब्ध वन व खनिज संपदा पर विशेष फोकस है। जनप्रतिनिधि, समाजसेवी के साथ ही विभिन्न समितियां भी इस कान्क्लेव को लेकर उत्साहित नजर आ रही हैं।
जमीन की मंगाई जानकारी
कान्क्लेव को लेकर एमपीआईडीसी प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर सभी आवश्यक जानकारियां जुटाने में लगा है। संभाग में उपलब्ध शासकीय भूमि की जानकारी एकत्रित करने के लिए तीनों जिले शहडोल, उमरिया व अनूपपुर कलेक्टर को पत्राचार किया गया है। इसके माध्यम से यह जानकारी चाही गई है कि संबंधित जिलों में कितनी और कहां-कहां शासकीय भूमि उपलब्ध है। इसके अलावा जिन शासकीय भूमियों में झुडपी जंगल दर्ज है उनकी भी जानकारी एकत्रित कर उसे किन शर्तों पर उपयोग में लाया जा सकता है या फिर वन विभाग से लिया जा सकता है इसे लेकर भी जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बेहतर हो प्रजेंटेशन, आवागमन हो सुगम
रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव को लेकर तैयारियां चल रही हंै। अलग-अलग विभागों से जानकारियां जुटाई जा रही हंै। इन सबके बीच शहर में आवागमन के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं पर भी फोकस करने की आवश्यकता बताई जा रही है। सबसे महत्पूर्ण यहां उपलब्ध संसाधन व सुविधाओं का प्रजेंटेशन है। इसे लेकर भी प्रशासन को पूरी रूपरेखा तय करनी होगी। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी अपने स्तर पर मंथन कर रहे हैं। इसके अलावा शहडोल तक व्यवस्थित पहुंच मार्ग के साथ ही यहां की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त करने की आवश्यकता होगी।
जनवरी में प्रस्तावित है कान्क्लेव
संभागीय मुख्यालय में पूर्व में यह कान्क्लेव दिसंबर में होनी थी। बताया जा रहा है कि आगामी 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में कान्क्ेलव होना है। इसके बाद कैबिनेट की बैठक भी होनी है। इसे लेकर शहडोल संभाग में दिसंबर माह में होने वाली कान्क्लेव को आगे बढ़ा दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह कान्क्लेव अब जनवरी प्रथम व द्वितीय सप्ताह में प्रस्तावित है।
स्थानीय संपदाओं पर आधारित उद्योग लगें
जानकारों का कहना है इस कान्क्लेव का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब यहां उपलब्ध संसाधनों व संपदाओं से संबंधित औद्योगिक गतिविधियों के संचालन पर जोर दिया जाए। शहडोल संभाग की बात की जाए तो यहां वन संपदा के साथ ही कोयला, बाक्साइड, ग्रेनाइट, मार्बल के साथ ही मीथेन गैस जैसी खनिज संपदाएं भी उपलब्ध हैं। कान्क्लेव में अन्य उद्योगों के साथ ही यहां उपलब्ध वन व खनिज संपदाओं से जुड़े उद्योगों के प्रबंधन को आमंत्रित किया जाए तो यहां कई औद्योगिक गतिविधियों के संचालन को जोर मिलेगा। यहां अमरंकटक से लेकर बांधवगढ़ तक वन संपदा फैली हुई है।
इनका कहना है
शहडोल में प्रस्तावित रीनजल इंडस्ट्रियल कान्क्लेव को लेकर प्रारंभिक स्तर पर कार्यक्रम स्थल को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हुई है। संभाग में उपलब्ध शासकीय भूमि की जानकारी मंगाई गई है। पूरा फोकस यहां उपलब्ध कोल माइन्स, बाक्साइड के साथ अमरकंटक से बांधवगढ़ तक फैली वन संपदाओं पर आधारित औद्योगिक गतिविधियों पर है।
अजय श्रीवास्तव, प्रबंधक एमपीआईडीसी शहडोल
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