तमतमाया टमाटर, हरी मिर्च हुई मीठी सीकर मंडी के सब्जी के थोक व्यापारियों के अनुसार बारिश के कारण टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में खासा नुकसान होने के कारण एक माह पहले तक 20 रुपए किलो तक बिकने वाला टमाटर अब खुदरा में 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक बोला जा रहा है। जिले में इस बार दो सौ से तीन सौ हेक्टेयर में टमाटर का उत्पादन हुआ है।
एक हेक्टेयर में टमाटर का उत्पादन करीब तीन सौ क्विंटल हो जाता है। पिछले एक माह के दौरान जिले में बारिश के कारण टमाटर की स्थानीय उपज ही खत्म हो गई। इससे जयपुर से टमाटर आ रहा है।
इनके तेवर भी तीखे इसके साथ ही रोजमर्रा रसोई में काम आने वाली सब्जियों के भाव भी बढ़ गए हैं। खुदरा बाजार में इस समय ग्वार फळी 140 से 150 रुपए प्रति किलो, भिंडी 60 से 80 रुपए प्रति किलो, टिंडा 100 से 160 रुपए प्रति किलो, पालक 80 से 100 रुपए, लौकी 50 से 60 रुपए किलो, खीरा 50 से 60 रुपए किलो, ककड़ी 40 रुपए किलो, हरी मिर्च 50 से 60 रुपए किलो, करेला 40 रुपए किलोग्राम तक पहुंच गया है।
रसोई पर सीधा असर सब्जियों की कीमतों में आई इस अचानक बढ़ोतरी ने आमजन की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के लोग अब सिर्फ जरूरी सब्जियों तक ही सीमित हो गए हैं। होटल, रेस्टोरेंट और ठेलों पर भी थाली का मीनू बदलने लगा है। कई संचालक थाली की कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार पानी निकासी और नई फसल तैयार होने में कम से कम एक माह का समय लग सकता है।
ये बोले व्यापारी सब्जियों के दामों में तेजी आने से लोग खुदरा भाव सुनकर ही चौंक जाते हैं। पहले ग्राहक एक किलो सब्जी खरीदता था वो अब 250 ग्राम ही खरीद रहा है।
गिरधारीलाल, फुटकर विक्रेता बारिश के कारण सब्जियों की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। आवक कम होने से भावों में तेजी आई है। एक माह बाद स्थानीय सब्जियां आने से राहत मिल सकेगी। रतनलाल सैनी, थोक विक्रेता