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श्री गंगानगर

गददा खरीद घोटाले में तत्कालीन सीएमएचओ डा. नरेश बंसल समेत छह समेत छह जनों के खिलाफ एफआइआर

– स्वास्थ्य विभाग और एसीबी की 11 साल चली लंबी जांच, साढ़े बारह लाख रुपए की बंदरबांट में कई अफसर थे शामिल

श्री गंगानगरMay 05, 2025 / 12:06 am

surender ojha

श्रीगंगानगर। करीब ग्यारह साल पहले महिला नसबंदी शिविर के लिए गददा खरीद में साढ़े बारह लाख रुपए के घोटाले की लंबी जांच प्रक्रिया के उपरांत आ​खिरकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना जयपुर में एफआइआर दर्ज की गई है। इस लंबी प्रक्रिया के बाद दर्ज इस मामले में गददा खरीद करने के नाम पर 12 लाख 54 हजार 757 रुपए की चपत कर राजकोष को नुकसान पहुंचाने के आरोप में तत्कालीन सीएमएचओ रहे जी ब्लॉक निवासी डा. नरेश बंसल, तत्कालीन जिला लेखा प्रबंधक (संविदा) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी आनंद विहार कॉलोनी निवासी सतीश गुप्ता, सीएमएचओ ऑफिस में तत्कालीन लेखाधिकारी अनूपगढ़ की आरसीपी कॉलोनी निवासी सुबालाल, सीएमएचओ ऑफिस के तत्कालीन कैशियर और वर्तमान में रतनगढ़ जिला क्षय एवं निवारण केन्द्र में कनिष्ठ सहायक पुरानी आबादी श्रीगंगानगर निवासी अमित पूनियां, विनोबा मार्केट श्रीगंगानगर में िस्थत फर्म मैमर्स शिवा इन्टरनेशनल के मालिक यूपी के उन्नाव निवासी विष्णु कुमार कौशिक, ई मित्र संचालक कृतिका कम्प्युटर श्रीगंगानगर के संचालक रामदेव काॅलोनी निवासी बाबूलाल स्वामी को अभियुक्त बनाया गया है। इस मामले की जांच जयपुर मुख्यालय ने श्रीगंगानगर एसीबी चौकी के एडिशनल एसपी पवन कुमार मीणा को दी है।
सीएमएचओ मेहरड़ा ने दिए थे जांच के आदेश
इस मामले में परिवादी सीएमएचओ डॉ. गिरधारीलाल मेहरड़ा ने एक शिकायत ब्यूरो मुख्यालय पर प्रस्तुत की थी। इसमें बताया कि सीएमएचओ श्रीगंगानगर में नसबन्दी शिविर में महिलाओं के उपयोग के लिए गददे क्रय किए गए थे। लेकिन यह खरीद सिर्फ कागजों तक सीमित रही। भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायत की जॉच के लिए तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री की की ओर से एक उच्च स्तरीय जाँच कमेटी शासन सचिव विरेन्द्रसिह की अगुवाई में की गई। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कूटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार निम्न स्तरीय गददों की आपूर्ति करके अनियमित भुगतान उठाया गया। ऐसे में इस प्रकरण की जांच एसीबी से कराने की अनुशंषा की। एसीबी ने तत्कालीन सीएमएचओ डा. बसंल समेत अन्य के खिलाफ परिवाद दर्ज कर जांच एसआई विजेन्द्र शीला ने की। इस जांच अधिकारी ने भी एफआइआर दर्ज करने का आग्रह किया लेकिन यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
खादी भंडार की बजाय प्राइवेट फर्म से खरीदे गददे
जांच कमेटी ने अपनी जांच के दौरान यह पाया कि उच्च क्वालिटी के गददे खरीदने के लिए राजस्थान राज्य बुनकर सहकारी संघ, राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम, खादी भण्डार से क्रय किए जाने चाहिए थे लेकिन राजस्थान की फर्मो की बजाय बाहरी फर्म से यह खरीद की।क्रय आदेश जारी करने के लिए फर्मों की सूची एवं रेट सूची वेबसाइट से डाउनलोड करनी चाहिए थी लेकिन जिला लेखा प्रबन्धक सतीश गुप्ता ने फर्म के प्रतिनिधी को रेट सूची उपलब्ध करा दी। भुगतान का चैक भी सम्बधित फर्म शिवा इन्टरनेशनल को पंजीकृत डाक से भिजवाया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चैक कब एवं किसको दिया गया इस सम्बन्ध में डॉ बसंल, गुप्ता, पूनिया आदि ने अनभिज्ञता जाहिर कर मिलीभगत को दर्शाया। गददो की खरीद का भुगतान गांधी पार्क के कारपोरेशन बैँक में 16 फरवरी 2015 को चेक दिया गया। इस बैँक में खाता संबंधित सप्लाई फर्म की बजाय अन्य फर्म शिवा इन्टरनेशनल का था।
हुजूर आते आते बहुत देर कर दी
इस मामले में तत्कालीन सीएमएचओ डा. बंसल सात साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके है। वहीं जिला लेखा प्रबंधक सतीश गुप्ता, लेखाधिकारी रहे सुबालाल भी रिटायर हो गए है। लेकिन जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब एफआइआर दर्ज हुई है। यह मामला वर्ष 2014 का है जब स्वास्थ्य केन्द्रों पर नसबंदी शिविरों में महिलाओं को सोने के लिए रेडीमेड गददो की खरीद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान सीएमएचओ ऑफिस में संविदा कार्मिक विष्णु कौशिक ने बाहर से सामान खरीद करने की फर्म शिवा इंटरनेशल कंपनी की हुबहू फर्म यहां विनोबाबस्ती के पते पर बना डाली। इस हुबहू फर्म को 650 गद़दे खरीद करने काअनुबंध हुआ। प्रत्येक गददे की कीमत 1032 रुपए निर्धारित की। ऐसे में फर्म को 12 लाख 54 हजार 737 रुपए का भुगतान किया गया।

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