आईपीएस गौरव यादव ने बताया कि मंगलवार को कर्नाटक निवासी कांटेप्पा बाबू चव्हाण ने थाना पुरानी आबादी मे एक परिवाद दिया कि अजय आर्य व उसके साथी कैप्प्मोरेफ़स कम्पनी में लाखो रूपयो का निवेश करवाकर विजयपुरा, इंगलागी, कर्नाटक में हजारो लोगो के साथ करीब 2 हजार करोड़ रूपये का साईबर फ्रॉड करके वहाँ से फरार होकर श्रीगंगानगर आ गये।
परिवाद पर प्रकरण दर्ज कर जॉच एसआई ज्योति को सौंपी गई। जिनके द्वारा आरोपी अजय आर्य के अम्बिका सीटी.2 स्थित आलीशान मकान पर दबिश दी। तलाशी ली गई तो दस लाख नगद, 3 सीपीयू, 6 मोबाइल फोन, 8 एटीएम कार्ड, 3 पैन कार्ड, करीब 85 लाख रुपए की लक्जरी कार व साईबर फ्रॉड सम्बधी अन्य दस्तावेज बरामद हुये। जिसके आधार पर आरोपी अजय आर्य को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी अजय के मोबाइल नम्बर व बैंक खाते के खिलाफ प्रतिबिम्ब पोर्टल पर 7 साईबर शिकायत दर्ज होनी पाई गई। जिनमें से एक शिकायत को खोल कर चैक किया तो उस खाते से 75 अन्य खातों पर साईबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज होनी पाई गई। इन खातों में एक खाते का विश्लेषण किया तो उस पर करीब 76 हजार ऑनलाईन शिकायतें दर्ज होनी पाई गई।
आरोपी अजय व उसके सहयोगियो के खातों पर देशभर मे हजारों साईबर शिकायते दर्ज होने की सम्भावना है। जिसके आधार पर आरोपी अजय आर्य, दीपक आर्य, लाजपत आर्य, सौरभ चावला, उसकी पत्नी सलोनी चावला, कर्मजीत सिंह, बलजीत सिंह, राजेंद्र सिंह के खिलाफ बीएनएस व आईटी एक्ट में थाना सदर पर प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान थाना सदर द्वारा किया जा रहा है।
अब तक के अनुसंधान से सामने आया है कि आरोपी अजय आर्य व उसके सहयोगी सौरभ चावला, उसकी पत्नी सलोनी चावला, कर्मजीत सिंह, बलजीत सिंह व राजेंद्र सिंह वर्ष 2022 में जिला विजयपुरा कर्नाटका मे टेकेबल टेक नाम की कम्पनी खोलकर लोगों को साईबर की ट्रेनिग देते थे। इस ट्रेनिग के साथ साथ आरोपियों ने कैप्प्मोरेफ़स कम्पनी के नाम से फोरेक्स ट्रेडिंग के आड़ में लोगो से रुपए निवेश करने के लिए सोशल मीडिया हैंडल्स पर अपना विज्ञापन पोस्ट किया।
जिसमे इन्होंने दो गुणाए तीन गुणा वापिस देने का लालच देकर चैन सिस्टम से हजारो लोगों से रुपए निवेश करवाये। ये पैसे आरोपियों ने नगद और बैंक खातों में जमा करवाये हैं। ये लोग एक.दो बार रुपये दुगने देकर विश्वास जीतते है, फिर लालच देकर रिश्तेदारों, परिचितों व अन्य लोगो को भी निवेश करवाने के लिये प्रोत्साहित करते है।
आरोपी करीब 2 हजार करोड रुपए का निवेश कंपनी में करवाकर जून 2023 में अचानक से कम्पनी बन्द कर दुबई फरार हो गये। करीब दो माह पहले परिवादी कांटेप्पा बाबू चव्हाण और अन्य को इन्होंने राजीनामा के लिए श्रीगंगानगर बुलाया। जहां उन्हें धमकी दी गई। परिवादियों के अनुसार आरोपियों ने इस ठगी के पैसे से बहुत से आलीशन मकान, लक्जरी गाडियां व प्लाट्स देश में विभिन्न स्थानों पर खरीदे हुये है, जिसके संबंध में विस्तृत अनुसंधान जारी है।