प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सीआईएसएफ के अधिकारी और जवान प्लांट क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रहे थे। बोलेरो जैसे ही रेलवे ट्रैक पार करने लगी, तभी सामने से एक कोयले से भरी मालगाड़ी आ गई। इंजन के चालक ने तेजी से ब्रेक लगाए, जिससे ट्रेन धीमी हो गई, लेकिन तब तक बोलेरो का अगला हिस्सा इंजन से टकरा चुका था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो ट्रैक के बीच फंस गई और उसका अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि बोलेरो में सवार किसी भी जवान को चोट नहीं आई।
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन यार्ड में हूटर बजाया गया और तुरंत एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। साथ ही थर्मल प्लांट में तैनात सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य जवान भी मौके पर पहुंचे। हादसे के बाद रेल ट्रैक बाधित हो गया था, जिसे हटाने के लिए हाईड्रा मशीन का इस्तेमाल किया गया। कुछ ही घंटों में बोलेरो को ट्रैक से हटाकर स्थिति को सामान्य कर दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि रेलवे क्रॉसिंग पर सतर्कता बेहद जरूरी है। भले ही यह एक बड़ा हादसा नहीं था, लेकिन इससे भविष्य में रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को अधिक सतर्क रहने की सीख मिलती है।