राजस्थान: भारत-पाक सीमा पर तनाव गहराया, सीमावर्ती गांवों को खाली करने के दिए मौखिक आदेश
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते प्रशासन ने क्षेत्र में सीमा से सटे कुछ गांवों को खाली करने के मौखिक निर्देश जारी किए हैं। सीमा से 5 किमी के दायरे में कई गांवों को संवेदनशील माना है।
अनूपगढ़ से भुवनेश चुघ की ग्राउंड रिपोर्ट भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते प्रशासन ने क्षेत्र में सीमा से सटे कुछ गांवों को खाली करने के मौखिक निर्देश जारी किए हैं। सीमा से 5 किमी के दायरे में कई गांवों को संवेदनशील माना है। दोपहर एक बजे गांव के गुरुद्वारे से अचानक शाम तक गांव को खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले जाने की मुनादी हुई। जिसके बाद ग्रामीण पंचायत भवन पहुंचे। सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि प्रशासन से दूरभाष पर सूचना मिली थी कि ग्राम पंचायत मुख्यालय सहित आस-पास के गांवों को शाम तक खाली करवाया जाए।
ग्रामीणों में इससे चिंता का माहौल है, लेकिन वे गांवों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 1971 के बाद यह तीसरी-चौथी बार है, जब गांव को खाली करवाने के आदेश आए है। इतना सामान, महिलाएं पशु सभी को अन्य स्थान पर ले जाना बहुत कष्टदायक होता है। घर नहीं छोड़ने, यदि जरूरत पड़ी तो वे सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की रक्षा के लिए हथियार उठाएंगे। यदि प्रशासन गांव खाली करने की सख्ती करता है तो उनके लिए व्यवस्था भी करे।
वार्ड पंच विनोद कुमार ने कहा कि गांव के 20 युवाओं को सीमा सुरक्षा बल की तरफ से 20 वर्ष पहले बंदूक आदि चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। भले ही वे अब 50 के हैं, लेकिन जोश बरकरार है। उन्होंने कहा कि फावड़ा-हल चलाने वाले यह हाथ देश के लिए बंदूक भी चला सकते हैं।
हर तरफ सीमा पर तनाव की चर्चा
लोग एक दूसरे से सीमा पर उपजे तनाव की चर्चा कर रहे थे। कुछ महिलाओं ने जरूरत का सामान और दस्तावेज सम्भाल लिए थे, लेकिन एक भी घर से पलायन होता नजर नहीं आया। ग्रामीण पशुधन को लेकर चिंतित दिखे। वहीं प्रशासन ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि भ्रामक सूचनाओं से दूरी बनानी है। क्षेत्र का बॉर्डर एकदम सामान्य है। सभी सीमावर्ती क्षेत्र में एतिहात बरती जा रही हैं।