Tendupatta Bonus Scam: प्रबंधक भी गिरफ्तार कर भेजे गए जेल
अपने पत्र में कुंजाम ने लिखा कि इस पूरे
घोटाले को उजागर करने वाले वे स्वयं थे। 8 जनवरी 2025 को उन्होंने कलेक्टर सुकमा को लिखित शिकायत दी थी, जिसके आधार पर जांच शुरू हुई और तत्कालीन वन मंडलाधिकारी को निलंबित कर बाद में गिरफ्तार किया गया। इसके पश्चात विभाग के 11 अन्य कर्मचारी और प्राथमिक वनोपज समिति के प्रबंधक भी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए।
कुंजाम ने सवाल उठाया कि जब उन्होंने खुद गबन की शिकायत की, तो फिर उनके घर पर ही 10 अप्रैल को एसीबी- ईओडब्ल्यू की टीम छापा क्यों मारती है, जबकि जांच में कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा कि इससे यह संदेह भी पैदा होता है कि कहीं यह किसी बड़े अपराधी को बचाने की कोशिश तो नहीं?
दोषियों पर उच्चस्तरीय व कड़ी कार्रवाई की मांग
Tendupatta Bonus Scam: उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह घोटाला वन विभाग के अंदरूनी
भ्रष्टाचार का परिणाम है और विभाग के मंत्री केदार कश्यप, जो जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं, की जानकारी के बिना करोड़ों रुपये की हेराफेरी कैसे संभव हो सकती है? कुंजाम ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि संग्राहकों को उनकी पूरी राशि लौटाई जाए और दोषियों पर उच्चस्तरीय व कड़ी कार्रवाई हो।