जिला पंचायत की रिपोर्ट में बताया गया कि जिले की ३२४ ग्राम पंचायतों में १ अप्रेल से ३१ मार्च तक २५ लाख ७८ हजार १४० मजदूरों को काम देने का लक्ष्य दिया गया है। अप्रेल से जून तक २५ प्रतिशत, जुलाई से सिंतबर तक २५ प्रतिशत और अक्टूबर से ३१ दिसंबर तक २५ प्रतिशत काम दिया जाना था। कुल मिलाकर ३१ दिसंबर २०२४ तक ७५ प्रतिशत काम दिया जाना था, लेकिन पलेरा जनपद पंचायत छोड़ किसी भी जनपद पंचायत ने लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया है।
जिले की ग्राम पंचायतों में १२ हजार ८३२ निर्माण कार्य चालू है। उन निर्माण कार्य के लिए ८ हजार १९० मजदूर काम कर रहे है। आंकड़ों को देखा जाए मजदूरों से कई गुना निर्माण कार्य चल रहे है। जबकि जिले में २ लाख १८ हजार ७६७ मजदूर एक्टिव है। उनसे काम कराने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। ग्रामीण हरीराम अहिरवार और मुकेश कुशवाहा ने बताया कि ग्राम पंचायतों में काम लेना मुश्किल का कार्य है।
बल्देवगढ़ जनपद पंचायत का वैसा सेक्टर लक्ष्य से पीछे है। इस सेक्टर में पांच ग्राम पंचायतें दर्ज है। जिसमें सुजानपुरा में ५ फीसदी, देवीनगर में १० फीसदी, जिनागढ़ में १३ फीसदी और जटेरा में १८ फीसदी उपयंत्री काम करा पाए है। उपयंत्री की लापरवाही से गांव के लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है।
जनपद पंचायत लक्ष्य प्रतिशत, एक्टिव जॉब कार्ड, चालू निर्माण कार्य, दर्ज मजदूर , काम करने वाले मजदूर
टीकमगढ़- ४७५४७० ६३ २६०५० २८०६७ ४३२३८ १३२३
बल्देवगढ़- ६१९१५५ ४१ २८९९० ३२६७ ५३०४ २२९९
जतारा – ९०८२८० ७१ ४३३४७ ३७०६४ ७२२६९ २४०७
पलेरा – ५७५२३५ ७५ २८७५५ २९०६४ ५०२११ २१६१
पंजीकृत जॉब कार्डधारियों के लिए जल्द ही ग्राम पंचायतों में काम दिया जाएगा। वह काम क्यों नहीं कर रहे और पलायन क्यों कर रहे है। इसकी जानकारी ली जाएगी। जिले के मजदूरों का पलायन रोकने का प्रयास किया जाएगा।
आरके पस्तोर, अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ टीकमगढ़।